असद के तहखाने में एक लाख कैदी, कोई नहीं जानता उसका ठिकाना; क्या भूखे मर जाएंगे वो लोग?
सीरिया में असद के क्रूर शासन का अंत हो गया। अब सेडनाया जेल के अंदर कैदियों को दी जाने वाली यातनाओं की कहानियां सामने आ रही हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार इस जेल में 1.57 लाख से ज्यादा लोगों को यातनाएं देकर मार डाला गया था। अब हजारों सीरियाई लोग अपने लापता परिजनों के बारे में जानकारी पाने की उम्मीद से सेडनाया जेल के बाहर पहुंच रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली/दमिश्क। सीरिया में बशर-अल असद सरकार के तख्तापलट को क्रूर शासन का अंत माना जा रहा है। इससे वे हजारों लोग खुश हैं, जिनके परिजन तानाशाह बशर अल असद की क्रूरता के शिकार बने थे। असद ने अपने खिलाफ आवाज उठाने वाले लाखों लोगों को कुख्यात सेडनाया जेल की काल कोठरियों में डाल दिया था।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की मानें तो सीरिया में बशर-अल असद के स्लॉटर हाउस (बूचड़खाने) में कैदियों को 72 से ज्यादा तरह से यातनाएं दी जाती थीं। इस स्लॉटरहाउस में 1.57 लाख से ज्यादा लोगों को यातनाएं देकर मार डाला गया था। मरने वालों में 5,274 बच्चे और 10,221 महिलाएं शामिल थीं।
असद के भाग जाने और स्लाटर हाउस पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद हजारों सीरियाई लोग सेडनाया जेल के बाहर पहुंच गए हैं। यहां वे सभी असद के शासन के दौरान गिरफ्तार या लापता अपने परिजनों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद से पहुंचे हैं।
रेड विंग में फंसे एक लाख कैदी; विंग कहां है, किसी को नहीं पता?
डर:भूखे ही न मर जाए रेड विंग में बंद कैदी
सेडनाया जेल यानी असद का स्लॉटर हाउस सीरिया की राजधानी दमिश्क करीब 30 किलोमीटर दूर एक पर पहाड़ी पर बना है। ये जेल दो बारूदी सुरंगों से घिरी है। जब विद्रोहियों ने जेल पर कब्जा किया तो यहां कैद 1500 कैदियों को रिहाई दे दी।
सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि जेल में लाखों कैदी रेड विंग यानी अंडरग्राउंड सेल में कैद हैं। समस्या है है कि कोई नहीं जानता कि ये सेल कहां है और असद के सभी वफादार जेल अधिकारी भाग चुके।
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कैदियों को आयरन प्रेस से कुचलकर मारा जाता था
जेल के भीतर जाने के लिए एक घुमावदार सीढ़ी है, जोकि मोटी-मोटी सलाखों से कवर है। जेल की तीन विंग में जाने का रास्ता इसी सीढ़ी से होकर जाता है। विद्रोहियों ने जानकारी दी कि जेल के तीनों विंग अपनी-अपनी क्रूरता के लिए कुख्यात हैं।
जेल में आयरन एक्जीक्यूशन प्रेस मिली है, जिसे कैदियों को कुचल कर मारा जाता था। मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने जेल में 72 तरीकों से यातनाएं देने की रिपोर्ट तैयार की है।
यातानाएं ऐसी जिन्हें सुनकर कांप जाए रूह
इनमें जननांगों पर बिजली का करंट लगाना या वजन लटकाना, लोहे की सांकल से मारना, धातु की छड़, बारूद या ज्वलनशील कीटनाशकों से कैदियों को जलाना, बंदियों के सिर दीवार और जेल के दरवाजे के बीच कुचलना, शरीर में सुई या धातु की पिन डालना, आयरन एक्जीक्यूशन प्रेस से कुचलकर मार डालना जैसी कई क्रूर यातनाएं शामिल हैं।
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विद्रोहियों के कब्जे से मिला जीवनदान
विद्रोहियों का सेडनाया जेल पर कब्जा करना कई कैदियों के लिए जीवनदान बन गया। जिन लोगों को रविवार यानी 8 नवंबर को फांसी होनी थी, वे सभी बच गए। फांसी पर चढ़ने से बचने वाले कैदियों में से एक ने बताया कि जेल के अंदर पूर्ण मौन का नियम लागू किया था।
कैदियों के बोलने पर पाबंदी थी, इसलिए कई कैदियों ने दीवार पर मैसेज लिखे। जेल की छोटी सी कोठरी में 25 लोगों को रखा जाता था। जिसमें ठीक से लेटने की जगह भी नहीं मिलती थी।
अपनों की तलाश में दूर-दूर से जेल पहुंच रहे लोग
- सीरिया के हर कोने से लोग अपनों का पता लगाने सेडनाया जेल पहुंच रहे हैं। वे कह रहे हैं कि यहां कोई अंडरग्राउंड जेल है, जिसमें उनके अपनों को कैद कर रखा गया है।
- 350 किलोमीटर दूर अलेप्पो से जेल पहुंचे अहमद नज्जार अपने छोटे भाई के दो बेटों को खोजने के लिए जेल के कागज खंगाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि साल 2012 में असद के सैनिकों ने दोनों बच्चों को गिरफ्तार किया था।
- अलीकाबोर अपने भाई की बारे में पता लगाने के लिए जर्मनी से जेल पहुंचे हैं। उन्होंने अपने भाई को आखिरी बार साल 2013 में देखा था। अलीकाबोर बताते हैं कि हम दोनों एक साथ एक ही यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे।
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