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    UAE ने 500 से ज्यादा भारतीय कैदियों को दी माफी, ईद से पहले दी बड़ी खुशखबरी

    संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने रमजान के अवसर पर दया दिखाते हुए 500 से अधिक भारतीयों सहित लगभग 3000 कैदियों को क्षमादान दिया है। राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद ने क्रमशः 1295 और 1518 कैदियों की रिहाई की घोषणा की। इस परंपरा का उद्देश्य न्याय करुणा और देशों के बीच राजनयिक संबंधों को मजबूत करना है।

    By Digital Desk Edited By: Chandan Kumar Updated: Fri, 28 Mar 2025 10:04 PM (IST)
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    रमजान के अवसर पर यूएई द्वारा क्षमादान प्राप्त कैदियों की रिहाई। (फोटो सोर्स- X@MohamedBinZayed)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस्लाम के पवित्र महीने रमजान के दौरान दया प्रदर्शित करते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने विभिन्न अपराधों में जेल की सजा भुगत रहे 500 से ज्यादा भारतीय नागरिकों समेत लगभग 3000 कैदियों को क्षमादान की घोषणा की है।

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    इस फैसले के तहत राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 1295 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है, जबकि प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने 1518 कैदियों को क्षमादान दिया है। रमजान के दौरान कैदियों को माफ करने की यह वार्षिक परंपरा न्याय, करुणा और भारत के साथ मजबूत राजनयिक संबंध बनाए रखने के लिए यूएई की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

    यह पवित्र महीने की भावना के अनुरूप दया और मेल-मिलाप का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। शेख मोहम्मद बिन राशिद ने विभिन्न देशों के लोगों को माफी दी है। इस माफी का मकसद सजा भुगत रहे लोगों को अपने परिवारों के साथ फिर से जुड़ने और समाज में फिर से शामिल होने की अनुमति प्रदान करता है। दुबई लोक अभियोजन ने दुबई पुलिस के समन्वय में ऐसे कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    मोदी सरकार ने विदेशी जेलों से 10 हजार भारतीय कैदियों को दिलाई मुक्ति

    मोदी सरकार के सक्रिय और सतत कूटनीतिक प्रयासों के कारण 2014 से अब तक विभिन्न आरोपों में विदेशों में कैद 10 हजार से अधिक भारतीय स्वदेश लौट आए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा रमजान माह में लगभग 500 भारतीय कैदियों को माफ करने से भारत और खाड़ी देश के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का पता चलता है।

    एक अधिकारी ने बताया कि 2014 से, पीएम मोदी के नेतृत्व ने विदेश में भारतीय नागरिकों के कल्याण को प्राथमिकता दी है, कूटनीतिक वार्ता और उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के माध्यम से विदेशों में कैद लगभग 10 हजार भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है। कूटनीतिक प्रयासों के कारण भारतीय नागरिकों की रिहाई के प्रमुख उदाहरणों में 2022 से यूएई से 2,783 भारतीय कैदियों की रिहाई और सऊदी अरब के क्राउन ¨प्रस मोहम्मद बिन सलमान की तरफ से 2019 में भारत की अपनी यात्रा के दौरान 850 भारतीय कैदियों की रिहाई का आदेश देना शामिल है। वहीं कतर की तरफ से साल 2023 में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को रिहा करना सबसे अहम कूटनीतिक प्रयास था।

    सूत्रों ने कहा कि उनमें से आठ को मृत्युदंड दिया गया था और भारत के कूटनीतिक हस्तक्षेप के कारण उनकी सजा कम कर दी गई और फिर उनमें से अधिकांश को रिहा कर दिया गया।

    उन्होंने बताया कि एक अन्य इस्लामिक देश ईरान ने 2024 में 77 भारतीय नागरिकों को और 2023 में 12 मछुआरों सहित 43 को रिहा किया है, जबकि बहरीन सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान 250 भारतीय कैदियों को माफ किया था। कुवैत के अमीर ने 2017 में कूटनीतिक वार्ता के बाद 22 भारतीयों को रिहा किया और 97 अन्य की सजा कम की।

    भारत के नियमित हस्तक्षेप के कारण श्रीलंका द्वारा भारतीय मछुआरों को नियमित रूप से रिहा किया गया है और 2014 से 3,697 को रिहा किया गया है। उन्होंने कहा कि 2014 से अथक कूटनीतिक प्रयासों से पाकिस्तान से 2,639 मछुआरों और 71 नागरिक कैदियों की रिहाई सुनिश्चित हुई है।

    (पीटीआई और एएनआई के इनपुट के साथ)

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