गाजा युद्ध खत्म करने में रंग लाया ट्रंप का प्रयास, लेकिन कई कठिन काम बाकी; नेतन्याहू कर सकते हैं 'खेला'?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों से गाजा में इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता हुआ है। समझौते के तहत हमास ने इजरायली बंधकों को रिहा किया और इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों को छोड़ा। मिस्त्र में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में कई देशों ने स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना पर जोर दिया। विश्लेषकों का मानना है कि स्थायी शांति के लिए ट्रंप को नेतन्याहू पर दबाव बनाए रखना होगा।

कई देशों ने स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना पर जोर दिया (फोटो: रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गाजा में पिछले दो वर्ष से जारी युद्ध को खत्म कराने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रयास रंग लाया। वह इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता कराने में सफल रहे। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन आगे का रास्ता आसान प्रतीत नहीं होता है, क्योंकि अब भी कई कठिन काम बाकी हैं।
गाजा में शुक्रवार से लागू समझौते के तहत हमास ने इजरायली बंधकों को रिहा किया तो इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों को छोड़ दिया। इसी दिन ट्रंप समेत कई देशों के नेता मिस्त्र में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में जुटे। कई देशों ने स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना पर जोर दिया, लेकिन ट्रंप ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा।
नेतन्याहू पर बनाए रखना होगा दबाव
विश्लेषकों और कूटनीतिज्ञों का कहना है कि अगर स्थायी शांति स्थापित करती है तो ट्रंप को उस व्यक्ति पर दबाए बनाए रखना होगा, जिसके समर्थन की उन्हें अपनी योजना के अगले चरणों में आवश्यकता होगी। वह व्यक्ति इजरायल के प्रधानमंत्री बेजामिन नेतन्याहू हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन से लेकर जो बाइडन तक को इस मजबूत इच्छाशक्ति वाले इजरायली नेता के साथ काम करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा था।
यहां तक कि मौजूदा ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारी भी इजरायली हमलों को लेकर निराशा व्यक्त कर चुके हैं। इसे कमजोर अमेरिकी नीति के तौर पर देखा जाता है। हालांकि इस महीने ट्रंप नेतन्याहू को शांति समझौते के लिए राजी करने में सफल रहे। जबकि दूसरी तरफ कई पश्चिम एशियाई देशों को हमास को सभी इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए मनाने में सफलता मिली।
इजरायल में अगले साल होने हैं चुनाव
विश्लेषकों ने कहा कि ट्रंप की 20 बिंदुओं वाली योजना के कई पहलुओं पर अब भी इजरायल और हमास के बीच मतभेद है। कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर हमास सहमत नहीं हो सकता। जबकि इजरायल हमास का निरस्त्रीकरण और गाजा के भावी प्रशासन में उसकी कोई भूमिका नहीं चाहता है। इधर, इजरायल में अगले वर्ष चुनाव होने हैं। ऐसे में राजनीतिक हित के लिए नेतन्याहू का रुख बदल सकता है। क्योंकि उनके दक्षिणपंथी गठबंधन के कुछ सहयोगी युद्धविराम की आलोचना कर रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री बेन-ग्वीर ने इस्तीफा देने की धमकी दी है।बता दें कि सात अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल में बड़े पैमाने पर हमला किया था। करीब 1200 लोगों की हत्या कर दी गई थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद से ही इजरायल गाजा में हमास के खिलाफ सैन्य अभियान चला रहा था। इसमें 67 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं।
मिस्त्र के राष्ट्रपति बोले-शांति का आखिरी मौका
एपी के अनुसार, मिस्त्र के शर्म अल-शेख शहर में सोमवार को गाजा शांति सम्मेलन हुआ। इसमें मिस्त्र के राष्ट्रपति आब्देल फतह अल-सीसी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का पश्चिम एशिया प्रस्ताव क्षेत्र में शांति के लिए आखिरी मौका है। इस सम्मेलन का उद्देश्य गाजा में युद्धविराम का समर्थन करना, इजरायल-हमास युद्ध को पूरी तरह खत्म करना और तबाह गाजा के पुनर्निर्माण के लिए दीर्घकालीन योजना तैयार करना था।
(न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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