Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लड़ते-लड़ते बचे रूस और अमेरिकी गठबंधन के विमान! सीरिया में हुआ आमना-सामना, पायलट ने सूझबूझ से रोका टकराव

    Updated: Mon, 19 Aug 2024 07:00 AM (IST)

    रूस के पायलट ने अपनी सूझबूझ से एक बड़े टकराव को रोक दिया। दरअसल सीरिया के होम्स प्रांत में रूसी निगरानी विमान के सामने अमेरिका नेतृत्व वाले गठबंधन का विमान आया गया। रूस के मुताबिक दोनों विमान खतरनाक रूप से बेहद करीब आ गए थे। चालक दल ने अपने कौशल के आधार पर टकराव को रोका। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS ने यह जानकारी साझा की।

    Hero Image
    रूसी विमान के करीब पहुंचा अमेरिकी गठबंधन का जेट। (प्रतीकात्मक फोटो)

    रॉयटर्स, सीरिया। सीरिया में अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन का एक जेट विमान रूस के विमान के एकदम नजदीक आ गया। रूसी चालक दल ने अपने कौशल का प्रदर्शन दिखाया और विमानों को टकराने से रोक दिया। यह घटना सीरिया के होम्स प्रांत की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: क्या गाजा में लगेगा युद्धविराम? इजरायली पीएम से मिलेंगे एंटनी ब्लिंकन; नेतन्याहू ले सकते हैं बड़ा फैसला

    TASS ने साझा की जानकारी

    रविवार को होम्स प्रांत में एक रूसी निगरानी विमान उड़ान भर रहा था। तभी अचानक अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन का एक लड़ाकू बमवर्षक जेट खतरनाक रूप से बेहद करीब आ गया। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS ने सीरिया में तैनात एक रूसी सैन्य अधिकारी के हवाले से यह जानकारी साझा की।

    पायलट ने सूझबूझ से रोका टकराव

    TASS ने कैप्टन ओलेग इग्नास्युक के हवाले से कहा, "गठबंधन का एक F/A-18 लड़ाकू बमवर्षक विमान रूसी एयरोस्पेस बलों के An-30 विमान के खतरनाक रूप से करीब आ गया। रूसी चालक दल ने उच्च व्यावसायिकता का प्रदर्शन दिखाया और टकराव को रोकने के लिए तुरंत आवश्यक उपाय किए। TASS ने कहा कि यह घटना होम्स के अल-तनफ क्षेत्र में हुई। उधर, अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। बता दें कि जॉर्डन की सीमा के पार सीरिया के अल-तनफ क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका का एक सैन्य अड्डा है।

    सीरिया में 900 अमेरिकी सैनिक तैनात

    अमेरिका के सीरिया में 900 और पड़ोसी देश इराक में 2500 सैनिक तैनात हैं। अमेरिकी सैनिक स्थानीय बलों को सलाह देने और सहायता करने के मिशन पर हैं। इनकी तैनाती का मकसद इस्लामिक स्टेट के दोबारा उदय को रोकना है। बता दें कि 2014 में दोनों देशों के बड़े हिस्से पर इस्लामिक स्टेट ने कब्जा कर लिया था।

    यह भी पढ़ें: उधर तेल अवीव पहुंचे एंटनी ब्लिंकन, इधर इजरायल ने गाजा पर बोला हमला; 24 लोगों की मौत