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ईरान परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने को फिर से वार्ता की तैयारी, क्‍या हटेंगे अमेरिकी प्रतिबंध ?

ईरान के साथ परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के मसले पर वार्ता के लिए दुनिया के शक्तिशाली देशों के वार्ताकार आस्टि्रया की राजधानी विएना पहुंच चुके हैं। ईरान की नई सरकार परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने से पहले अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाए जाने की मांग पर अड़ी हुई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 07:18 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 08:12 PM (IST)
ईरान परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने को फिर से वार्ता की तैयारी, क्‍या हटेंगे अमेरिकी प्रतिबंध ?
ईरान परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने को फिर से वार्ता की तैयारी। एजेंसी।

विएना, एजेंसी। ईरान के साथ परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के मसले पर वार्ता के लिए दुनिया के शक्तिशाली देशों के वार्ताकार आस्टि्रया की राजधानी विएना पहुंच चुके हैं। उम्मीद है कि एक-दो दिन में वार्ता शुरू हो जाएगी। ईरान की नई सरकार परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने से पहले अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाए जाने की मांग पर अड़ी हुई है। जबकि अमेरिका पहले समझौता प्रभावी करना चाहता है।

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2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समझौते से हट जाने और ईरान पर प्रतिबंध लगा देने के बाद यह समझौता निष्प्रभावी हो गया था। 2015 में हुए समझौते में अमेरिका के अतिरिक्त चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल थे। इजरायल ने वार्ता में शामिल देशों से ईरान को ब्लैकमेलिंग के लिए समय न देने का अनुरोध किया है।

समझौते से अमेरिका के हटने के बाद ईरान ने परमाणु हथियार के निर्माण के लिए यूरेनियम का शोधन बढ़ाने की घोषणा की थी। हाल के महीनों में यूरेनियम शोधन का स्तर उसने बढ़ाया भी है, जबकि यही शोधन बढ़ाने से रोकने के लिए 2015 में ईरान के साथ समझौता किया गया था। बदले में ईरान पर लगे प्रतिबंध हटाए गए थे और शांतिपूर्ण कार्यो के लिए यूरेनियम का इस्तेमाल करने के लिए ईरान को उन्नत तकनीक देने का वादा किया गया था।

ट्रंप के सत्ता से हटने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति बने जो बाइडन ने परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने की पहल की। इसी के बाद विएना में वार्ता शुरू हुई है। लेकिन ईरान ने पहले खुद पर लगे प्रतिबंध हटाए जाने की मांग करके इसमें व्यवधान पैदा कर दिया है। ईरान के कट्टर विरोधी इजरायल के प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट ने वार्ता में शामिल देशों को ईरान के मंसूबों से आगाह किया है।

उन्‍होंने कहा है कि वार्ता को लंबा खींचकर ईरान परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी संव‌िर्द्धत यूरेनियम की ज्यादा से ज्यादा मात्रा एकत्रित कर लेना चाहता है। इसलिए ईरान की मंशा पर गौर किया जाना चाहिए और जल्द से जल्द वार्ता के निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। जबकि दक्षिण कोरिया ने वार्ता को सफल बनाने के लिए दोनों पक्षों से लचीला रवैया अपनाने की अपील की है।


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