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    पोप फ्रांसिस का ऐतिहासिक इराक दौरा खत्म, सीरियाई शरणार्थी बच्चे एलन कुर्दी के पिता से की मुलाकात

    By Manish PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 08 Mar 2021 02:00 PM (IST)

    सीरिया के कोबाने का रहने वाला कुर्दी परिवार अन्य लोगों के साथ तुर्की से एक छोटी नाव पर सवार होकर ग्रीस जा रहा था रास्ते में नाव पलट गई थी। इस हादसे में एलन कुर्दी के एक भाई और मां की भी डूबकर मौत हो गई थी।

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    तीन साल के एलन कुर्दी की तुर्की से ग्रीस जाते हुए समुद्र में डूब कर मौत हो गई थी।

    इरबिल, एजेंसी। कैथोलिक ईसाई समुदाय के सबसे बड़े धर्म गुर पोप फ्रांसिस का ऐतिहासिक इराक दौरा सोमवार को समाप्त हो गया। संघर्षग्रस्त शहरों का दौरा करने के बाद पोप बगदाद से विमान से वैटिकन सिटी रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम और ईसाई नेताओं से मुलाकात की और युद्ध पर शांति का प्रचार किया। इराक की अपनी यात्रा के दौरान पोप ने तीन साल के सीरियाई एलन कुर्दी के पिता अब्दुल्ला कुर्दी से भी मुलाकात की। उनकी मुलाकात इराक के इरबिल में एक प्रार्थना सभा के दौरान हुई।

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    बता दें कि सीरिया के कोबाने का रहने वाला कुर्दी परिवार अन्य लोगों के साथ तुर्की से एक छोटी नाव पर सवार होकर ग्रीस जा रहा था, रास्ते में नाव पलट गई थी। इस हादसे में तीन साल के एलन कुर्दी की समुद्र में डूब कर मौत हो गई थी। उसका शव समुद्र किनारे मिला था, जिससे पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई थी। एलन के एक भाई और मां की भी इस हादसे में मौत हो गई थी।

    युद्ध से ज्यादा शक्तिशाली है शांति: पोप

    इस्लामिक स्टेट (आइएस) के शासन में बर्बाद हो चुके मोसुल शहर की यात्रा के दौरान पोप फ्रांसिस ने कहा कि शांति युद्ध से ज्यादा शक्तिशाली है और भाईचारा दुश्मनी से ज्यादा स्थायी है। मोसुल शहर को आइएस के कब्जे से मुश्किल से मुक्त कराया जा सका था। यहां हर तरफ तबाही का मंजर है, लाखों लोग जान बचाने के लिए पलायन कर गए हैं। पोप का मकसद यहां लोगों के जख्मों पर मरहम लगाना था। पोप फ्रांसिस ने यहां कहा कि इस्लामिक स्टेट को उसके गुनाहों के लिए माफ कर दें और अपने विकास के लिए आगे बढ़ें।

    हैलीकॉप्टर से पहुंचे पोप

    सुरक्षा कारणों से पोप यहां पर सीधे हैलीकॉप्टर से पहुंचे। उनका मुस्लिमों और ईसाइयों ने स्वागत किया। बाद में पोप ने यहां खंडहर में तब्दील हो चुके चर्च और घरों को भी देखा। लोगों ने अपने ऊपर हुए जुल्म की दास्तान भी सुनाई। कुछ तो अपनी कहानी सुनाते हुए रो प़़डे। पोप ने यहां युद्ध में मरने वाले लोगों के लिए प्रार्थना भी की।