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सऊदी अरब के संयंत्रों पर ड्रोन हमले के बाद तेल की कीमतों में उछाल, 10 फीसद से ज्‍याद बढ़े दाम

सऊदी अरब के दो संयंत्रों पर हुए ड्रोन हमले के बाद सोमवार को तेल की कीमतों में 10 फीसद से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 08:53 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 10:58 AM (IST)
सऊदी अरब के संयंत्रों पर ड्रोन हमले के बाद तेल की कीमतों में उछाल, 10 फीसद से ज्‍याद बढ़े दाम
सऊदी अरब के संयंत्रों पर ड्रोन हमले के बाद तेल की कीमतों में उछाल, 10 फीसद से ज्‍याद बढ़े दाम

हांगकांग, एएफपी। सऊदी अरब के दो संयंत्रों पर हुए ड्रोन हमले के बाद सोमवार को तेल की कीमतों में 10 फीसद से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको (Aramco) के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार सुबह हुए ड्रोन हमले के बाद कंपनी ने वहां उत्पादन ठप कर दिया था। इसकी वजह से सऊदी अरब की इस सबसे बड़ी तेल व गैस कंपनी के उत्पादन में 50 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई थी। यह कंपनी दुनिया के शीर्ष उत्‍पादकों में शुमार है। 

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समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, एशियाई बाजार में वेस्‍ट टेक्सास इंटरमीडिएट (West Texas Intermediate, WTI) क्रूड ऑयल की कीमतें 10.68 फीसद उछलकर 60.71 डॉलर जबकि ब्रेंट क्रूड ऑयल कीमतें 11.77 फीसद बढ़कर 67.31 डॉलर तक पहुंच गईं। एक वक्‍त तो ऐसा भी आया जब ब्रेंट (Brent) क्रूड ऑयल की कीमतों में 20 फीसद तक का उछाल दर्ज किया गया।  

बता दें कि अरैमको की अबकैक स्थित ऑयल प्रोसेसिंग फैसिलिटी और खुरैश स्थित बड़ी ऑयल फील्ड को शनिवार को ईरान समर्थित यमन के हाउती विद्रोहियों ने ड्रोन से निशाना बनाया था। अबकैक फैसिलिटी दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल प्रोसेसिंग फैसिलिटी है। सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजिज बिन सलमान ने इन हमलों के बाद तेल की कीमतें बढ़ने के संकेत दे दिए थे। उन्‍होंने कहा था कि हमलों की वजह से 57 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है, जो कंपनी के कुल उत्पादन का लगभग आधा है।

हालांकि, अरैमको ने बाजार को भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि हमलों के बावजूद तेल उत्पादन पर असर नहीं पड़ने दिया जाएगा। हालांकि तामाम कोशिशों के बावजूद वह तेल की कीमतें बढ़ने से रोकने में नाकाम साबित हुई है। जानकारों का मानना है कि हमलों के कारण ग्लोबल ऑयल सप्लाई के करीब छह फीसद हिस्से पर असर पड़ेगा। कुछ जानकार यह भी मानते हैं कि सऊदी के पास ग्राहकों की मांग के अनुरूप पर्याप्त तेल जमा है, इसलिए कंपनी आपूर्ति पर ज्यादा असर नहीं पड़ने देगी। 


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