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    Nuclear Weapon: ईरान परमाणु हथियार के लिए शुद्ध यूरेनियम बनाने के करीब, नहीं दे रहा कार्यक्रम की जानकारी

    ईरान परमाणु हथियार बनाने में प्रयुक्त होने वाले उच्च गुणवत्ता वाले यूरेनियम के परिष्करण के करीब है। अब वह 60 प्रतिशत तक परिष्कृत यूरेनियम तैयार कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी जानकारियां नहीं दे रहा है। ईरान जिस प्रकार से अपनी यूरेनियम शोधन क्षमता बढ़ा रहा है वह चिंता का विषय है।

    By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Tue, 05 Sep 2023 01:32 AM (IST)
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    ईरान परमाणु हथियार बनाने में प्रयुक्त होने वाले उच्च गुणवत्ता वाले यूरेनियम के परिष्करण के करीब है।

    विएना, रायटर। ईरान परमाणु हथियार बनाने में प्रयुक्त होने वाले उच्च गुणवत्ता वाले यूरेनियम के परिष्करण के करीब है। अब वह 60 प्रतिशत तक परिष्कृत यूरेनियम तैयार कर रहा है। इस लिहाज से ईरान परमाणु हथियार बनाने की क्षमता प्राप्त करने के करीब है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) की दो रिपोर्टों से सामने आई है।

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    परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी नहीं दे रहा ईरान

    इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी जानकारियां नहीं दे रहा है। वह परमाणु संयंत्रों में कई महत्वपूर्ण स्थलों पर कैमरे लगाने की अनुमति भी नहीं दे रहा है। इसलिए वह किस स्तर का यूरेनियम शोधन कर रहा है, इसकी सही जानकारी नहीं मिल रही है।

    60 प्रतिशत परिष्कृत यूरेनियम कर रहा तैयार

    आइएईए के आकलन के अनुसार, ईरान इस समय 60 प्रतिशत परिष्कृत यूरेनियम तैयार कर रहा है। उसने हाल के वर्षों में यूरेनियम शोधन की अपनी क्षमता बढ़ाई है। जबकि परमाणु हथियार बनाने के लिए करीब 90 प्रतिशत तक शुद्ध यूरेनियम की आवश्यकता होती है। ईरान जिस प्रकार से अपनी यूरेनियम शोधन क्षमता बढ़ा रहा है, वह चिंता का विषय है।

    समझौते से अमेरिका हुआ था बाहर

    आइएईए के महानिदेशक रफाएल ग्रोसी ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर पैदा गतिरोध को दूर करने के लिए ठोस प्रयास न होने पर अफसोस जताया है।

    ईरान को परमाणु हथियार से दूर रखने के लिए 2015 में उसके साथ अमेरिका, रूस, चीन सहित विश्व के प्रमुख देशों ने समझौता किया था, लेकिन 2018 में अमेरिका के समझौते से बाहर आने से यह समझौता निष्प्रभावी हो गया। उसी के बाद ईरान ने अपना यूरेनियम शोधन का स्तर बढ़ाना शुरू कर दिया और आइएईए को सूचनाएं उपलब्ध कराना बंद कर दिया।