Hajj 2025: सऊदी अरब में हज के लिए पहुंचे 15 लाख से अधिक विदेशी जायरीन, 40 डिग्री की भीषण गर्मी में पैदल यात्रा
सऊदी अरब में इस साल हज के लिए 15 लाख से अधिक विदेशी जायरीन पहुंचे हैं जबकि पिछले साल 1611310 जायरीन आए थे। बुधवार को उन्होंने अराफात में प्रवेश किया। कुछ लोग 40 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच अपना सामान लेकर पैदल ही यात्रा कर रहे हैं तो अन्य लोग अपने घर के बुजुर्गों को साथ लेकर आए हैं।

एपी, अराफात। सऊदी अरब में इस साल हज के लिए 15 लाख से अधिक विदेशी जायरीन पहुंचे हैं, जबकि पिछले साल 16,11,310 जायरीन आए थे। बुधवार को उन्होंने अराफात में प्रवेश किया।
कुछ लोग 40 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच अपना सामान लेकर पैदल ही यात्रा कर रहे हैं, तो अन्य लोग अपने घर के बुजुर्गों को साथ लेकर आए हैं। गुरुवार को सूर्यास्त के बाद वे कंकड़ इकट्ठा करने के लिए मुजदलिफा के रेगिस्तानी मैदान में गए, जिसका इस्तेमाल वे एक धार्मिक रस्म पूरी करने के लिए करेंगे।
छाया प्रदान करने के लिए सऊदी में 10,000 पेड़ लगाए गए हैं
हज मंत्रालय के प्रवक्ता गस्सान अल-नुवैमी ने इस साल हज के लिए विदेशी जायरीनों की अनुमानित संख्या बताई। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इसमें कितने स्थानीय लोग शामिल हो रहे हैं।
लोग अपने शिविरों में जाने से पहले आराम करने या खाने के लिए जमीन पर भी बैठे हुए नजर आ रहे थे। सऊदी अरब ने भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा उपायों पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं।
हज में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक गर्मी
हालांकि, जायरीनों की भारी भीड़ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल बना देती है। हाल के वर्षों में हज में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक गर्मी रही है। इस सप्ताह की शुरुआत में, स्वास्थ्य मंत्री फहाद बिन अब्दुलरहमान अल-जलाजेल ने बताया कि अधिक छाया प्रदान करने के लिए 10,000 पेड़ लगाए गए हैं।
अस्पतालों में बिस्तर की क्षमता बढ़ाई गई
अस्पतालों में बिस्तर की क्षमता बढ़ाई गई है और पैरामेडिक्स की संख्या तीन गुना की गई है।हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। मक्का के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक चट्टानी पहाड़ी माउंट अराफात का इस्लाम में बहुत महत्व है।
अराफात का उल्लेख कुरान में
अराफात का उल्लेख कुरान में किया गया है और कहा जाता है कि यहीं पर पैगंबर मुहम्मद ने अपने अंतिम हज पर अपना अंतिम उपदेश दिया था। अराफात का दिन साल का सबसे पवित्र दिन होता है, जब अल्लाह अकीदतमंदों के करीब आते हैं और उनके गुनाहों को माफ करते हैं। जायरीन आधी रात से लेकर सूर्यास्त तक अराफात में दुआएं करते हैं।
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