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    माइक्रोसॉफ्ट की मदद से गाजा में बम बरसा रहा इजरायल? हेडक्वाटर्स में कर्मचारियों ने काटा बवाल, 18 गिरफ्तार

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 11:47 AM (IST)

    माइक्रोसॉफ्ट के मुख्यालय में गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों में कंपनी की तकनीक के इस्तेमाल के खिलाफ कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया जिसके बाद पुलिस ने 18 लोगों को हिरासत में ले लिया। माइक्रोसॉफ्ट ने इजरायल की सेना द्वारा उसकी तकनीक के इस्तेमाल की जांच का वादा किया है। प्रदर्शनकारियों ने इजरायल के साथ कारोबारी रिश्ते खत्म करने की मांग की है।

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    पुलिस ने 18 लोगों को हिरासत में ले लिया। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट के मुख्यालय में बुधवार को कर्मचारियों के जोरदार प्रदर्शन ने सबको चौंका दिया। गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों में कंपनी की तकनीक के इस्तेमाल के खिलाफ नाराज कर्मचारियों ने हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने 18 लोगों को हिरासत में ले लिया।

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    माइक्रोसॉफ्ट ने वादा किया है कि वह इजरायल की सेना की ओर से उसकी तकनीक के इस्तेमाल की तत्काल जांच करेगा। प्रदर्शनकारियों ने कंपनी से इजरायल के साथ कारोबारी रिश्ते तुरंत खत्म करने की मांग की है।

    दो दिन तक चले इस विरोध प्रदर्शन ने माइक्रोसॉफ्ट को मुश्किल में डाल दिया। मंगलवार को करीब 35 प्रदर्शनकारी कंपनी के ऑफिस के बीच बने प्लाजा में जमा हुए थे। माइक्रोसॉफ्ट के कहने पर वे चले गए, लेकिन बुधवार को प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। उन्होंने कंपनी के मशहूर लोगो वाले साइन पर खून जैसे रंग लगा दिया।

    रेडमंड पुलिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, प्रदर्शनकारी हठी हो गए और आक्रामक हो उठे जब उन्हें बताया गया कि वे गैरकानूनी रूप से वहां मौजूद हैं।

    पुलिस का एक्शन के बाद जिद पर अड़े प्रदर्शनकारी

    पुलिस की प्रवक्ता जिल ग्रीन ने कहा, "हमने कहा था, कृपया चले जाएं, वरना आपको गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया।"

    प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ कंपनी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, बल्कि पुलिस के साथ भी टकराव किया। माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह एक लॉ फर्म की मदद से जांच करेगा, क्योंकि ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने खुलासा किया था कि इजरायली रक्षा बल माइक्रोसॉफ्ट के अजूर क्लाउड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल गाजा और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों की बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए इकट्ठा किए गए फोन डेटा को स्टोर करने में कर रहे हैं।

    कंपनी ने अपने बयान में कहा, "माइक्रोसॉफ्ट के सेवा नियम इस तरह के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देते। यह खबर गंभीर आरोप लगाती है, जिसकी तुरंत और पूरी जांच जरूरी है।"

    'इजरायल के साथ गहरा रिश्ता'

    फरवरी में ‘द असोसिएटेड प्रेस’ ने खुलासा किया था कि माइक्रोसॉफ्ट का इजरायली रक्षा मंत्रालय के साथ गहरा रिश्ता है। 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद इजरायल की सेना ने माइक्रोसॉफ्ट की कमर्शियल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल लगभग 200 गुना बढ़ा दिया।

    एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना अजूर का इस्तेमाल जासूसी डेटा को ट्रांसक्राइब करने, अनुवाद करने और प्रोसेस करने के लिए करती है, जिसे बाद में उनकी अपनी एआई-आधारित टारगेटिंग सिस्टम के साथ मिलाया जाता है।

    माइक्रोसॉफ्ट ने उस वक्त कहा था कि उसने एक जांच कराई थी, जिसमें पाया गया कि अजूर और उसकी एआई तकनीकों का इस्तेमाल गाजा में लोगों को निशाना बनाने या नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं हुआ।

    हालांकि, कंपनी ने उस जांच की कॉपी या जांच करने वालों का नाम साझा नहीं किया। अब माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि वह लॉ फर्म कोविंगटन एंड बर्लिंग की मदद से नई जांच कराएगा और इसके नतीजे साझा करेगा।

    कर्मचारियों की नाराजगी के बाद ‘नो अजूर फॉर अपार्टहाइड’

    कंपनी का यह वादा कर्मचारी-नेतृत्व वाले समूह ‘नो अजूर फॉर अपार्टहाइड’ के लिए काफी नहीं था। यह समूह महीनों से माइक्रोसॉफ्ट के इजरायली सेना को तकनीक देने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।

    समूह का कहना है कि कंपनी की तकनीक "फिलिस्तीनियों की निगरानी करने, उन्हें भूखा रखने और मारने के लिए" इस्तेमाल हो रही है।

    माइक्रोसॉफ्ट ने मई में एक कर्मचारी को निकाल दिया था, जिसने सीईओ सत्या नडेला के भाषण में बाधा डालकर इन कॉन्ट्रैक्ट्स का विरोध किया था।

    अप्रैल में भी दो कर्मचारियों को कंपनी की 50वीं सालगिरह के जश्न में बाधा डालने के लिए निकाला गया था। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने ऑनलाइन “वर्कर इंतिफादा” का आह्वान किया, जो 1987 में शुरू हुए फिलिस्तीनी विद्रोह की याद दिलाता है।

    (समाचार एजेंसी AP के इनुपट के साथ)

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