Biden UAE Visit: बाइडन ने क्राउन प्रिंस के समक्ष उठाया पत्रकार खशोगी की हत्या का मामला, कहा- अपने मूल्यों के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा मैं
जेद्दा के शाही पैलेस में नेताओं की यह पहली मुलाकात दोनों देशों के बीच पश्चिम एशिया में सुरक्षा साझेदारी व तेल का वैश्विक प्रवाह सुनिश्चित कर सकती है। बाइडन ने एलान किया कि साल के अंत तक अमेरिकी शांति सैनिक लाल सागर स्थित तिरान द्वीप छोड़ देंगे।

जेद्दा, एजेंसियां। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया कि उन्होंने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ शुक्रवार की बैठक में पत्रकार जमाल खशोगी की वर्ष 2018 में हुई हत्या का मामला उठाया। इसके साथ ही बाइडन ने उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि अहम कूटनीतिक संबंधों की पुनर्बहाली के लिए वह सऊदी अरब में मानवाधिकार हनन के मामलों को नजर अंदाज कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार बाइडन ने कहा, 'मैं, हमारे मूल्यों के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा।' उन्होंने कहा, 'क्राउन प्रिंस ने दावा किया कि वह व्यक्तिगत रूप से उस हत्या के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इस पर मैंने इशारा किया कि मुझे ऐसा लगा था।' अमेरिकी खुफिया विभाग का मानना है कि इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के महावाणिज्य दूतावास में हुई अमेरिका निवासी पत्रकार खशोगी की हत्या में क्राउन प्रिंस का हाथ है।

यमन में संघर्ष विराम के प्रयास जारी: बाइडन
जेद्दा के शाही पैलेस में नेताओं की यह पहली मुलाकात दोनों देशों के बीच पश्चिम एशिया में सुरक्षा साझेदारी व तेल का वैश्विक प्रवाह सुनिश्चित कर सकती है। बाइडन ने एलान किया कि साल के अंत तक अमेरिकी शांति सैनिक लाल सागर स्थित तिरान द्वीप छोड़ देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यमन में संघर्ष विराम के प्रयास जारी हैं, जहां सऊदी अरब ईरान समर्थित चरमपंथियों का सामना कर रहा है।
शाही पैलेस में बाइडन के तीन घंटे के कार्यक्रम को क्राउन प्रिंस की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, जो अपनी छवि सुधारने के साथ सऊदी अरब में निवेश लाने का प्रयास कर रहे हैं।
क्राउन प्रिंस ने कहा, अमेरिका ने भी की हैं गलतियां
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा कि सऊदी अरब ने खशोगी की हत्या जैसी गलतियों को रोकने का प्रयास किया है, जबकि अमेरिका ने ऐसी कई गलतियां की हैं।
ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने पर बनी सहमति
सऊदी की सरकारी समाचार एजेंसी एसपीए के अनुसार, अमेरिका व सऊदी अरब के बीच ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने पर सहमति बनी है। दोनों देशों ने ईरान को विभिन्न राष्ट्रों के आंतरिक मामलों में दखल देने, छद्म तरीके से आतंकवाद को बढ़ावा देने तथा क्षेत्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने से रोकने की जरूरत पर बल दिया।

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