Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Israel-Hamas War: इजरायल ने हमले रोकने का UNSC का संकल्प किया खारिज, गाजा में युद्धविराम पर पहला प्रस्ताव पारित

    सात अक्टूबर से जारी इजरायल-हमास युद्ध के सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहली बार प्रस्ताव पारित कर मानवीय सहायता पहुंचाने को संक्षिप्त युद्धविराम के लिए कहा है। इजरायल ने कहा है कि बंधकों की रिहाई के बिना वह हमास को हमलों से बचने के लिए कोई राहत नहीं देगा। वैसे गाजा पट्टी में अब आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है।

    By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 16 Nov 2023 11:50 PM (IST)
    Hero Image
    गाजा में बदतर हुए हालात (फाइल फोटो)

    एपी, संयुक्त राष्ट्र। सात अक्टूबर से जारी इजरायल-हमास युद्ध के सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहली बार प्रस्ताव पारित कर मानवीय सहायता पहुंचाने को संक्षिप्त युद्धविराम के लिए कहा है, लेकिन इजरायल ने सुरक्षा परिषद के इस संकल्प को अस्वीकार कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इजरायल ने क्या कुछ कहा?

    इजरायल ने कहा है कि बंधकों की रिहाई के बिना वह हमास को हमलों से बचने के लिए कोई राहत नहीं देगा। वैसे गाजा पट्टी में अब आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है।

    यह भी पढ़ें: 'हमने गाजा में तनाम कम करने के लिए कहा' इजरायल-हमास युद्ध के बीच भारत का अहम बयान

    प्रस्ताव में कहा गया था कि इजरायली सेना की घेराबंदी और हमलों के चलते गाजा पट्टी के 23 लाख लोगों को आवश्यक वस्तुओं की किल्लत झेलनी पड़ रही है। इसलिए सीमित समय का युद्धविराम लागू कर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और वितरण सुनिश्चित कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

    इन देशों ने मतदान में नहीं लिया हिस्सा

    इस प्रस्ताव के समर्थन में 15 सदस्य देशों में से 12 ने वोट दिया, जबकि विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। अमेरिका, रूस और ब्रिटेन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

    यह भी पढ़ें: 'IDF ने वेस्ट बैंक में गोलीबारी करने वाले संदिग्ध फलस्तीनी हमलावरों को उतारा मौत के घाट...', इजरायली पुलिस ने दी जानकारी

    अमेरिका और ब्रिटेन ने इजरायल पर हमास के हमले का विरोध न किए जाने पर मतदान का बहिष्कार किया, जबकि रूस ने मनवीय आधार पर स्थायी युद्धविराम की मांग का विरोध किए जाने के कारण मतदान में हिस्सा नहीं लिया। पारित प्रस्ताव में बंधकों की अविलंब और बिना शर्त रिहाई का जिक्र नहीं किया गया है।