Israel-Hamas War: हमास को खत्म करने की पूरी तैयारी, गाजा में नया सैन्य अभियान छेडे़गा इजरायल
गाजा में युद्धविराम की चर्चा के बीच इजरायल ने गाजा सिटी में नई सैन्य कार्रवाई के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। बेंजामिन नेतन्याहू सरकार ने 60 हजार रिजर्व सैनिकों को योगदान के लिए बुलाया है। इजरायल गाजा पट्टी के सबसे बड़े शहर गाजा सिटी पर कब्जा बरकरार रखने की घोषणा कर चुका है। इस बीच इजरायल सरकार ने वेस्ट बैंक को बांटने की योजना को स्वीकृति दे दी है।
एपी, यरुशलम। गाजा में युद्धविराम की चर्चा के बीच इजरायल ने गाजा सिटी में नई सैन्य कार्रवाई के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। बेंजामिन नेतन्याहू सरकार ने 60 हजार रिजर्व सैनिकों को योगदान के लिए बुलाया है।
गाजा में नए सैन्य अभियान के लिए इजरायली की तैयारी
इजरायल गाजा पट्टी के सबसे बड़े शहर गाजा सिटी पर कब्जा बरकरार रखने की घोषणा कर चुका है। इस बीच इजरायल सरकार ने वेस्ट बैंक को बांटने की योजना को स्वीकृति दे दी है।
गाजा में नया सैन्य अभियान चलाने की स्वीकृति
इजरायली सेना ने कहा है कि रक्षा मंत्री ने गाजा में नया सैन्य अभियान चलाने की योजना को स्वीकृति दे दी है। इस अभियान में गाजा के घनी आबादी वाले इलाकों में कार्रवाई की जाएगी।
हमास के लड़ाकों पर होगा प्रहार
सेना का अनुमान है कि इन्हीं इलाकों में हमास के लड़ाके अपने हथियारों के साथ छिपे हुए हैं और वहीं पर उन्होंने इजरायली नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है जिनमें से 20 के जीवित होने की संभावना है।
इजरायली सेना ने अभी तक गाजा सिटी के घनी आबादी वाले इलाकों में जमीनी कार्रवाई नहीं की है। इस शहर को हमास का गढ़ माना जाता है। शहर के नीचे सुरंगों का जाल मौजूद होने और उन्हीं में लड़ाकों के होने का शक है। यहां पर कार्रवाई में जान-माल के भारी नुकसान का अंदेशा है।
20 हजार रिजर्व सैनिक अभी भी गाजा में मौजूद
इस समय 20 हजार रिजर्व सैनिकों के साथ इजरायली सेना गाजा में कार्रवाई कर रही है। लेकिन 22 महीने से ज्यादा समय की कार्रवाई के बावजूद सेना गाजा पर कब्जा नहीं कर पाई है।
घनी आबादी वाले गाजा के 25 प्रतिशत हिस्से में सेना अभी तक नहीं पहुंच पाई है। इन इलाकों में इजरायली वायुसेना ने लगातार हवाई हमले किए हैं लेकिन उनसे हमास का खात्मा नहीं हो सका है।
गाजा में कार्रवाई तेज करने की योजना
गाजा में कार्रवाई तेज करने की योजना को क्रियान्वित करने से वहां की स्थिति और खराब होने की मानवाधिकार संगठनों ने आशंका जताई है। गाजा अभी खाना, पानी, दवाइयों और ईंधन की भीषण कमी से जूझ रहा है।
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