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    Iran-Israel Conflict: साइज, जनसंख्या और सेना में ईरान से काफी पीछे है इजरायल, फिर भी युद्ध हुआ तो कैसे पड़ेगा भारी? ये है वजह

    Updated: Sun, 15 Jun 2025 12:54 PM (IST)

    Iran-Israel Military Comparision मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ रहा है। इजरायल ने तेहरान पर हमला किया जिसके जवाब में ईरान ने भी तेल अवीव को निशाना बनाया। दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका जताई जा रही है। जनसंख्या और सैन्य शक्ति के मामले में ईरान इजरायल से आगे है लेकिन इजरायल के पास आधुनिक हथियार और अमेरिका का समर्थन है।

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    ईरान-इजरायल युद्ध में कौन किसपर पड़ेगा भारी? फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मिडिल ईस्ट में एक बार फिर युद्ध के हालात बन रहे हैं। इजरायल ने शुक्रवार को ईरान की राजधानी तेहरान और आसपास की जगहों पर हमला कर दिया। ईरान ने भी पलटवार करते हुए तेल अवीव और जेरूसलम को निशाना बनाया। ईरान और इजरायल पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में कई लोग कयास लगा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच बड़े स्तर पर युद्ध हो सकता है।

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    अब सवाल यह है कि अगर ईरान और इजराइल के बीच युद्ध छिड़ता है तो कौन-किसपर भारी पड़ेगा? आइए देखते हैं इजरायल और ईरान की सेना में कौन सबसे ज्यादा ताकतवर है या किसके जीतने के आसार सबसे अधिक हैं?

    ईरान के पास इजरायल से 10 गुना ज्यादा लोग

    जमीन और जनसंख्या के लिहाज से ईरान, इजरायल से काफी आगे है। जहां ईरान का कुल क्षेत्रफल 1.6 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर (618,000 स्क्वायर मील) है और यहां कि जनसंख्या 88 मिलियन (8.8 करोड़) है।

    वहीं, इजरायल की तुलना मिडिल ईस्ट के सबसे छोट देशों में होती है। भू-मध्य सागर के छोर पर स्थित इजरायल का कुल क्षेत्रफल 22,000 स्क्वायर किलोमीटर है और इजरायल की जनसंख्या मात्र 9 मिलियन (90 लाख) है।

    ईरान (हरे रंग में) और इजरायल (ऑरेंज रंग में) का मैप।

    ईरान के पास इजरायल से बड़ी फोर्स

    ईरान के पास सशस्त्र बलों, रिवोल्यूशनरी गार्ड और साइबर फोर्स की एक बड़ी टीम मौजूद है। ईरान की नियमित फोर्स में 6 लाख जवान और रिवोल्यूशनरी फोर्स में 2 लाख जवान हैं, जिन्हें अलग-अलग डिवीजन में विभाजित किया गया है। वहीं, ईरानी सेना प्रॉक्सी वॉर में भी माहिर है, हालांकि पिछले साल इजरायल और अमेरिका के कुछ अभियानों ने ईरान की प्रॉक्सी वॉर लड़ने वाली फोर्स को भारी नुकसान पहुंचाया है।

    ईरान के टॉप कमांडर्स की मौत

    ईरान के पास सशस्त्र बलों की कमी नहीं है, लेकिन उन्हें लीड करने वाले अधिकारी अब नहीं रहे। शुक्रवार को इजरायली हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख जनरल होसैन सलामी और ईरान के आर्मी चीफ जनरल मोहम्मद बाघेरी की भी मौत हो गई। इसके अलावा इजरायल ने ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को भी मार गिराया। साथ ही आसपास के कई वरिष्ठ कमांडरों की भी हत्या कर दी।

    इजरायली स्ट्राइक में मारे गए ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख जनरल होसैन सलामी।

    पुराने हथियारों से पिछड़ सकता है ईरान

    ईरान के सैन्य उपकरणों की बात करें तो 1979 में इस्लामिक क्रांति के दौरान अमेरिका ने ईरान को कुछ हथियार दिए थे, जो अभी भी ईरान के पास हैं। इसके अलावा ईरान को रूस ने कई सैन्य उपकरण दिए हैं, जिनमें S-300 का नाम भी शामिल है। हालांकि इजरायल की तुलना में ईरान के सैन्य उपकरण काफी पुराने हैं। मगर ईरान के पास खुद का बनाया शाहद अटैक ड्रोन हैं। रूस ने यूक्रेन पर हमले के लिए ईरान के शाहद ड्रोन खरीदे थे।

    परमाणु ठिकानों पर हमले से लगा झटका

    मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ईरान तेजी से यूरेनियम इनरिचमेंट कर रहा था, जिसकी मदद से ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंच गया था। हालांकि इजरायल ने अपने हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों और बैलिस्टिक मिसाइल बनाने वाली जगहों को तबाह कर दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इजरायली हमले में ईरान का काफी नुकसान हुआ है।

    इजरायल के पास मिडिल-ईस्ट की बेस्ट फोर्स

    इजरायल की सैन्य ताकतों की बात करें तो इजरायल बेशक एक छोटा सा देश है, लेकिन मिडिल ईस्ट में इजरायल की मिलिट्री सबसे बेहतर मानी जाती है। इजरायल की जल, थल और वायु सेना अत्याधुनिक हथियारों से लेस है।

    इजरायली फोर्स में लाखों सैनिक

    इजरायल के पास लगभग 1 लाख 70 हजार सक्रिय सैनिक और 4 लाख रिजर्व सैनिकों की फोर्स है। वहीं, लंबे समय से गाजा पट्टी में हमास से लड़ रही इजरायली सेना युद्ध में माहिर हो गई है। इसका उदाहरण हाल के ईरानी हमलों में देखा गया, जब इजरायली एअर स्ट्राइक के पलटवार में ईरान ने इजरायल पर दर्जनों मिसाइलें एक-साथ दाग दीं और इजरायली सेना ने ज्यादातर मिसाइलों को आसमान में ही मार गिराया।

    इजरायल को मिला अमेरिका का साथ

    इजरायल के बारे में तो यह भी कहा जाता है कि इजरायल मिडिल-ईस्ट का एकमात्र परमाणु संपन्न देश है। हालांकि, इजरायल कभी इस बात को नहीं मानता। इजरायल को अमेरिका का भी पूरा सहयोग मिलता है। खासकर ईरान के खिलाफ इजरायल और अमेरिका हमेशा एकजुट नजर आते हैं और अमेरिका कई बार इजरायल का खुलकर साथ दे चुका है।

    अमेरिका ने अरब सागर में 60 लड़ाकू विमानों के साथ हजारों सैनिकों को तैनात किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को साफ शब्दों में चेतावनी दी है-

    इससे पहले ईरान में सबकुछ तबाह हो जाए, ईरान को परमाणु समझौता कर लेना चाहिए।

     ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के कितने आसार?

    इजरायल और ईरान की सीमा एक-दूसरे से काफी दूर हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच सीधे टकराव की उम्मीद काफी कम है। मगर 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के अंतर्गत इजरायल ने ईरान को परमाणु बम न बनाने देने की कसम खाई है तो वहीं ईरान भी इजरायल पर मिसाइलों की बारिश जारी रख सकता है। वर्तमान में अमेरिका ने इजरायल की कार्रवाई से खुद को दूर रखा है, लेकिन अगर ईरान ने इजरायल पर बड़ा हमला किया तो अमेरिका भी इजरायल के समर्थन में आगे आ सकता है।

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