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    Israel Hamas War: पत्रकारों की सुरक्षा पर इजरायली सेना का रिएक्शन, जंग के बीच नहीं ले सकते सेफ्टी की गारंटी

    Israel Hamas War इजरायली सेना ने पत्रकारों की सुरक्षा गांरटी लेने से इनकार किया है। पिछले कई दिनों से जारी इजरायली बमबारी और घेराबंदी में घटना को कवर कर रहे पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर इजरायल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आईडीएफ ने यह भी नोट किया कि हमास के ठिकानों पर उसके उच्च तीव्रता वाले हमलों से आसपास की इमारतों को नुकसान हो सकता है।

    By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Sat, 28 Oct 2023 06:45 AM (IST)
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    Israel Hamas War: पत्रकारों की सुरक्षा पर इजरायली सेना का रिएक्शन, जंग के बीच नहीं ले सकते सेफ्टी की गारंटी

    रॉयटर्स, तेल अवीव। इजरायली सेना ने पत्रकारों की सुरक्षा गांरटी लेने से इनकार किया है। पिछले कई दिनों से जारी इजरायली बमबारी और घेराबंदी में घटना को कवर कर रहे पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर इजरायल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

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    एजेंसी के मुताबिक, गाजा के उग्रवादी समूह हमास द्वारा फिलिस्तीन में 7 अक्टूबर से लगातार बमबारी जारी है। इस बीच लगभग 1400 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके जवाब में इजरायल भी हमले कर रहा है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायली हमलों में लगभग 7,000 लोग मारे गए हैं।

    पत्र लिखकर मांगा था सुरक्षा का आश्वासन

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स और एएफपी के पत्रकारों ने इजरायली सेना (IDF) से सुरक्षा का आश्वासन मांगा था। इस बाबत आईडीएफ ने पत्र लिखकर अपनी प्रतिक्रिया दी। पत्र में कहा गया कि इजरायली सेना पूरे गाजा में हमास की सभी सैन्य गतिविधियों को निशाना बना रहा है। हमास जानबूझकर पत्रकारों को एक शिल्ड के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे में सुरक्षा को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता।

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    आईडीएफ ने यह भी नोट किया कि हमास के ठिकानों पर उसके उच्च तीव्रता वाले हमलों से आसपास की इमारतों को नुकसान हो सकता है और हमास के रॉकेट मिसफायर भी कर सकते हैं और गाजा के अंदर लोगों को मार सकते हैं। आगे कहा गया कि, इसलिए हम आपके कर्मचारियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते हैं। जब हमास से आईडीएफ के इस आरोप के बारे में पूछा गया कि उसने गाजा में उन जगहों पर सैन्य अभियान चलाया है, जहां पत्रकार रहते हैं, तो उन्होंने तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की।

    वहीं, पत्रकारों की सुरक्षा समिति का कहना है कि युद्ध शुरू होने के बाद से कम से कम 27 पत्रकार मारे गए हैं, ज्यादातर गाजा में पत्रकारों की मौत हुई है।