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    Israel-Hamas War: गाजा की मिस्त्र से लगी सीमा पर इजरायली सेना का कब्जा, इलाके में मिलीं 20 सुरंगें; हमास करता था उपयोग

    Updated: Thu, 30 May 2024 11:45 PM (IST)

    इजरायल ने मिस्त्र से लगी गाजा की 14 किलोमीटर लंबी सीमा को कब्जे में ले लिया है। इस सीमा को फिलाडेल्फी कॉरिडोर के नाम से जाना जाता है। इसी सीमा क्षेत्र में गाजा का रफाह शहर बसा हुआ है जहां पर इन दिनों इजरायल की सैन्य कार्रवाई चल रही है। सेना ने कहा है कि इस सीमा क्षेत्र में उसे 20 सुरंगें मिली हैं।

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    गाजा की मिस्त्र से लगी सीमा पर इजरायली सेना का कब्जा

    रॉयटर्स, काहिरा। इजरायल ने मिस्त्र से लगी गाजा की 14 किलोमीटर लंबी सीमा को कब्जे में ले लिया है। इस सीमा को फिलाडेल्फी कॉरिडोर के नाम से जाना जाता है। इसी सीमा क्षेत्र में गाजा का रफाह शहर बसा हुआ है जहां पर इन दिनों इजरायल की सैन्य कार्रवाई चल रही है।

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    अभी तक कुल 36,224 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं

    सेना ने कहा है कि इस सीमा क्षेत्र में उसे 20 सुरंगें मिली हैं। ये सुरंगें मिस्त्र को रफाह से जोड़ती हैं और उनके जरिये हमास को हथियार मिल रहे थे। इस बीच रफाह सहित गाजा के अन्य इलाकों में इजरायली सेना के हमले जारी हैं। इन हमलों में अभी तक कुल 36,224 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं।

    300 फलस्तीनी लड़ाके मारे गए

    इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हागेरी ने बताया है कि रफाह में जारी कार्रवाई में अभी तक करीब 300 फलस्तीनी लड़ाके मारे गए हैं। जल्द ही हम वहां पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर लेंगे। इस बीच स्लोवेनिया की सरकार ने भी फलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है लेकिन इस प्रस्ताव को अभी वहां की संसद की मंजूरी मिलनी बाकी है।

    इससे पहले 28 मई को स्पेन, आयरलैंड और नार्वे ने फलस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की थी जिसकी इजरायल ने कड़े शब्दों में निंदा की थी। माल्टा ने कहा है कि वह भी जल्द फलस्तीन को मान्यता देने की घोषणा करेगा जबकि ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने कहा है कि वे इस संबंध में विचार कर रहे हैं।

    रफाह में 45 लोगों के मारे जाने की भारत ने की निंदा

    रफाह में इजरायल के हवाई हमले में 45 लोगों के मारे जाने की घटना पर भारत ने दुख जताया है। कहा कि हमले में निर्दोष शरणार्थियों का मारा जाना हृदय विदारक है। हवाई हमले में आमजनों को मारे जाने की घटना 26 मई की है। इस घटना की अमेरिका सहित कई देशों ने निंदा की थी।

    भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, टेंट में रहने वाले शरणार्थियों का हमले में मारा जाना गंभीर चिंता का विषय है। इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।