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    Israel Hamas War: इजरायल ने कब और किस देश के खिलाफ लड़ा था पहला युद्ध? इस जंग ने बदल दिया दुनिया का नक्शा

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Wed, 25 Oct 2023 10:02 PM (IST)

    इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में रोजाना नए-नए अपडेट्स आ रहे हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इजरायल के लिए यह युद्ध कोई नया नहीं है। इससे पहले इजरायल दस बड़े युद्ध लड़ चुका है। इन्हीं में से एक लड़ाई है 1948 का अरब-इजरायल युद्ध है। इस युद्ध ने दुनिया के नक्शे को हमेशा के लिए बदल दिया।

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    पहले भी हो चुके हैं इजरायल-फलस्तीन के बीच युद्ध (फोटो जागरण)

    जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल और हमास के बीच पिछले 19 दिनों से लड़े जा रहे युद्ध ने दुनिया के सामने एक नई चुनौती पेश कर दी है। यह ऐसा युद्ध है जो अगर लंबे समय तक यूं ही चलता रहा तो समूचे विश्व को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। जहां पश्चिमी देश इजरायल के समर्थन में खुलकर आ गए हैं तो वहीं, अरब और मुस्लिम देश फलस्तीन की तरफ से मजबूती से खड़े नजर आ रहे हैं। हालांकि, भारत इस मामले में संतुलन बना कर चल रहा है।

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    इजरायल और हमास के बीच युद्ध 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुआ है, जब हमास के आतंकियों ने तड़के इसरायल पर अचानक सैकड़ों रॉकेट्स से हमला बोल दिया। युद्ध की शुरुआत से अब तक फलस्तीन के 5,087 नागरिक मारे जा चुके हैं, जबकि 15, 270 लोग घायल हो गए हैं। वहीं, इजरायल में हमास के हमले में 1400 से अधिक लोग मारे गए हैं। इसके अलावा हमास के आतंकियों ने इजरायल में घुसपैठ के दौरान 222 लोगों को बंधक बना लिया है।

    पहले भी हो चुके हैं इजरायल-फलस्तीन के बीच युद्ध

    इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में रोजाना नए-नए अपडेट्स आ रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इजरायल के लिए यह युद्ध कोई नया नहीं है। इससे पहले इजरायल दस बड़े युद्ध लड़ चुका है। इन्हीं में से एक लड़ाई है 1948 का अरब-इजरायल युद्ध है। इस युद्ध ने दुनिया के नक्शे को हमेशा के लिए बदल दिया। आइए जानके हैं 1948 का अरब-इजरायल युद्ध के बारे में...

    1948 अरब-इजरायल युद्ध की पृष्ठभूमि

    सबसे पहले साल 1948 में फलस्तीन और इजरायल के बीच तलवारें तब खिंची जब संयुक्त राष्ट्र ने फलस्तीन को यहूदी और फलस्तीन राज्य में विभाजित करने की सिफारिश की थी। इस प्रस्ताव को यहूदियों यानी इजरायली नेताओं ने स्वीकार कर लिया, लेकिन यह फैसला अरब नेताओं को नागवार गुजरा और उन्होंने इसे खारिज कर दिया। दरअसल, साल 1947 में संयुक्त राष्ट्र विभाजन योजना में अलग यहूदी और अरब देशों की सिफारिश की गई थी।

    इस फैसले ने ही 1948 के अरब-इजरायल युद्ध और इजरायल की स्थापना की नींव रखी। यह विवाद आज भी इजरायल और फलस्तीन संघर्ष और क्षेत्रीय जमीन को प्रभावित कर रहा है।

    इजरायल देश को मान्यता मिलने से अरब देश आहत

    साल 1948 का अरब-इजरायल युद्ध तब शुरू हुआ जब 14 मई, 1948 को इजरायल को एक देश का दर्जा मिला। इससे आहत पड़ोसी अरब देशों ने इजरायल पर आक्रमण कर दिया। युद्ध के बाद भी इजरायल का अस्तित्व बना रहा और साल 1949 में क्षेत्रीय परिवर्तनों के साथ युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

    अरब देशों में मिस्र, सीरिया, इराक शामिल थे

    इस युद्ध में अरब देशों में शामिल मिस्र, सीरिया, इराक, लेबनान और जॉर्डन शामिल थे। दोनों तरफ से हमलों और उनमें हुई मौतों के बाद लगभग एक साल बाद युद्ध औपचारिक रूप से समाप्त हो गया। इसी समय गाजा पर मिस्र ने नियंत्रण कर लिया, वेस्ट बैंक पर जॉर्डन ने नियंत्रण कर लिया और कई लाख फलस्तीनी विस्थापित हो गए।

    युद्ध में इजरायल की ताकत

    युद्ध में इजरायल की तरफ से 2,000 फुल टाइम सैनिक, जिसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल थे। इसके अलावा 10,000 हजार सैनिक रिजर्व में थे। इन रिजर्व सैनिकों की उम्र 18 से 25 साल के बीच की थी, जो महीने में तीन से चार दिन सैन्य प्रशिक्षण लेते थे और बाकी समय में आम नागरिक जीवन में वापस चले जाते थे। मगर तब इजरायल के पास कुल 35,000 सैनिकों का बल था।

    अरब सैनिक ताकत इजरायल से कम

    एक अनुमान के मुताबिक अरब-इजरायल के युद्ध में अरबों के पास 23,500 सैनिकों की ताकत थी, जो इजरायल के बराबर थी। इसमें इजरायल के सैनिकों के साथ में आम नागरिक अरब सैनिकों की तुलना में बेहतर प्रक्षिक्षण ले चुके थे। मगर, इजरायल ने अपनी सैन्य ताकत में अभूतपूर्व रूप से बढ़ोतरी कर ली।

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