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    नेतन्याहू को युद्धविराम मंजूर नहीं! सीजफायर समझौते पर सहमति के बाद भी गाजा में मारे गए 72 लोग; क्या है इजरायल का प्लान?

    इजरायल और हमास के बीच बुधवार को सीजफायर समझौता हो गया है। मंगलवार को हमास ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के बाद बंधकों व कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि गाजा में इजरायल के ताजा हवाई हमलों में 72 लोग मारे गए हैं। समझौते के अनुसार हमास की कैद वाले 98 बंधकों में से 33 की रिहाई छह सप्ताहों में होनी है।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 16 Jan 2025 08:31 PM (IST)
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    युद्धविराम समझौते के बाद भी इजरायल हमले में मारे गए 72 लोग।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

    एपी, यरुशलम। गाजा युद्ध को लेकर इजरायल सरकार और हमास के बीच हुए युद्धविराम समझौते की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही उसे लेकर गतिरोध पैदा हो गया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि समझौते को लेकर अंतिम समय में संकट पैदा हो गया। इस बीच गाजा में इजरायल के ताजा हवाई हमलों में 72 लोग मारे गए हैं और करीब 200 घायल हुए हैं।

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    बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और कतर सरकार द्वारा गाजा में युद्ध विराम की घोषणा के बाद ही नेतन्याहू ने संकेत दिए थे कि समझौते को लेकर कुछ आपत्तियां हैं। विदित हो कि अमेरिका और कतर समझौते के लिए दोनों पक्षों में मध्यस्थता कर रहे थे।

    हमास की कैद वाले 98 बंधकों की होगी रिहाई 

    नेतन्याहू के बयान के इतर समझौते को लेकर यह वास्तविकता भी है कि 15 महीने से चल रही लड़ाई के रुकने का गाजा की फलस्तीनी आबादी, इजरायली बंधकों के रिश्तेदारों और विश्व भर के नेताओं ने स्वागत किया है। समझौते के अनुसार हमास की कैद वाले 98 बंधकों में से 33 की रिहाई छह सप्ताहों में होनी है।

    नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा है कि समझौते की स्वीकृति के लिए इजरायल सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक अभी नहीं हुई है। जबकि हमास के वरिष्ठ नेता इज्जत अल-रिशाक ने कहा है कि वह मध्यस्थों द्वारा घोषित युद्धविराम को मानने के लिए संकल्पबद्ध है। विदित हो कि सात अक्टूबर, 2023 को इजरायली शहरों पर हमास के हमले में 1,200 लोग मारे गए थे।

    हमास और सहयोगी संगठनों के लड़ाकों ने इजरायल से 250 लोगों को अगवा भी किया था जिनमें से 98 लोग अभी हमास की कैद में हैं। इसके जवाब में इजरायल ने सात अक्टूबर को ही गाजा पर हमला कर दिया था जिसमें अभी तक 46 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 23 लाख की आबादी वाली गाजा पट्टी में 90 प्रतिशत लोग बेघर हो चुके हैं।

    देश में भारी दवाब में पीएम नेतन्याहू

    नेतन्याहू सरकार पर बंधकों की रिहाई को लेकर देश में भारी दबाव है। बीते 15 महीनों से बंधकों की रिहाई के लिए उनके रिश्तेदार और समर्थक आंदोलन चला रहे हैं। लेकिन नवंबर 2023 में हुए अस्थायी युद्धविराम के दौरान बंधकों के बदले हत्या के दोषी फलस्तीनियों को जेल से रिहा करने के नेतन्याहू सरकार के फैसले पर सवाल उठे थे।

    इस बार सरकार में शामिल अति दक्षिणपंथी दल गाजा में हमास की प्रभावी उपस्थिति के बावजूद युद्ध रोकने वाले समझौते के प्रारूप पर सवाल उठा रहे हैं। वे किसी भी स्थिति में स्थायी युद्धविराम के लिए तैयार नहीं हैं। बाइडन सरकार के दबाव में समझौता होने पर ये दक्षिणपंथी दल इजरायल में नेतन्याहू सरकार गिरा भी सकते हैं। 

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