कौन था हमास चीफ इस्माइल हानिये, जिसके तीन बेटे और बहन को इजरायल ने पहले ही मार दिया था?
Ismail Haniyeh Latest News इजरायली सेना ने ईरान की राजधानी तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिये को मार गिराया। हमास ने हानिये की मृत्यु पर शोक जताते हुए इसकी जानकारी दी और बदला लेने की बात कही। इस्माइल हानिये कौन था और कितना खतरनाक था? वह हमास का सबसे शक्तिशाली नेता कैसे बना? इजरायल की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में क्यों शामिल था? इन सभी सवालों के जवाब यहां पढ़िए...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल ने 24 घंटे के भीतर अपने दो दुश्मनों का सफाया कर दिया है। इजरायली सेना ने मंगलवार को बेरूत में हिजबुल्लाह के कमांडर फुआद शुकर को मार गिराया था। इसके एक दिन बाद यानी बुधवार की सुबह हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिये को ढेर कर दिया। इन दोनों की मौत के बाद से मध्य पूर्व एशिया में हलचल मच गई है।
ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इस्माइल हानिये की मौत की पुष्टि की। आईआरजीसी ने बताया कि तेहरान में हानिये के घर को निशाना बनाकर रात करीब 2 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 4 बजे) मिसाइल हमला किया गया, जिसमें हमास चीफ इस्माइल हानिये और उसके बॉडीगार्ड की मौत हो गई।
हमास ने अपने नेता की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि एयर स्ट्राइक हमले में हानिये की हत्या की गई है। वह इस हमले का बदला लेकर रहेगा।
इस्माइल हानिये कौन था और कितना खतरनाक था? वह हमास का सबसे शक्तिशाली नेता कैसे बना? इजरायल की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में क्यों शामिल था? इन सभी सवालों के जवाब यहां पढ़िए...
इस्माइल हानिया कौन था?
इस्माइल हानिये का जन्म 29 जनवरी, 1962 को गाजा पट्टी में हुआ। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच कई दशकों से संघर्ष जारी है। इस्माइल का पालन-पोषण एक शरणार्थी शिविर में हुआ। ऐसे में उसने फिलिस्तीनियों की सभी परेशानियों को अनुभव किया, जिससे उसके मन में कट्टरता ने घर कर लिया।
हमास में कब शामिल हुआ था इस्माइल हानिये ?
संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी 'संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी' के द्वारा फिलिस्तीन में संचालित एक स्कूल से उसकी पढ़ाई-लिखाई हुई। इस्माइल साल 1983 में गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में अरबी साहित्य पढ़ाई कर रहा था।
इसी दौरान वह हमास के पूर्ववर्ती इस्लामिक स्टूडेंट ब्लॉक से जुड़ने के साथ ही वह कट्टरपंथी मुस्लिम ब्रदरहुड से भी जुड़ गया । विश्वविद्यालय में रहते हुए उसने छात्र परिषद का नेतृत्व भी किया था।
विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जेल में डाला
साल 1987 में हानिये ने ग्रेजुएशन की डिग्री ली। उसी दौरान फिलिस्तीन के लोगों ने गाजा पट्टी में इजरायल के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें हानिये भी शामिल हुआ।
इसके बाद इजरायली सैनिकों और फिलिस्तीन के लोगों के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ, जिसमें इजरायली सैनिकों ने इस्माइल हानिये को 18 दिन के लिए कैद कर लिया था। इसके बाद एक साल बाद छह महीने के लिए जेल में डाल दिया।
गूगल ट्रेंड में इस्माइल हानिये
दुनिया भर के साथ-साथ भारत में भी सुबह से हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिये के बारे में सर्च किया जा रहा है।
इस विरोध प्रदर्शन को 'पहले इंतिफादा' (Intifada) के नाम से भी जाना जाता है। 1989 में इंतिफादा के जोर पकड़ने पर उसे हमास से संबंध रखने का आरोप में गिरफ्तार कर तीन साल के लिए जेल में डाल दिया गया।
यहां से रिहा होने के बाद इजरायल ने उसे हमास नेताओं के साथ दक्षिणी लेबनान भेज दिया। 1993 में इजरायल और फिलिस्तीन मुक्ति संगठन के बीच 'ओस्लो समझौते' पर हस्ताक्षर होने के बाद वह गाजा लौटा।
हमास की कमान हानिये को मिली
इस्माइल हानिये हमास के सह-संस्थापक शेख अहमद यासीन का करीबी विश्वासपात्र और सहयोगी था, जिससे उसे उग्रवादी समूह हमास में पावर मिली। 1997 में वह हमास का प्रमुख बन गया।
इसके बाद से ही यासीन और हानिये दोनों इजरायल के निशाने पर आ गए। 2003 में यासीन को इजरायली सेना ने मार गिराया था। तब हानिये ने यासीर की मृत्यु का बदला लेने का एलान किया था।
केरल और गोवा समेत इन राज्यों में किया जा रहा सर्च
दुनिया के कई हिस्सों के साथ भारत के इन राज्यों में भी हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिये के बारे में गूगल पर खोज बढ़ गई है।
हानिये बना प्रधानमंत्री तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुआ विरोध
इसके तीन साल बाद यानी 2006 में गाजा में हुए चुनाव में हमास को जीत मिली। इस्माइल हानिये को फिलिस्तीनी एकता सरकार में प्रधानमंत्री बनाया गया।
हालांकि, जल्द ही फिलिस्तीनी गुटों में तनाव और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से हमास के साथ काम करने से साफ मना करने के बाद सरकार गिर गई। वह प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त हो गया, लेकिन गाजा आंदोलन और हमास के नेता के तौर पर काम करता रहा।
हमास ने गाजा पट्टी पर किया कब्जा
साल 2007 में आतंकी समूह हमास ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया। 2008 में इजरायल पर रॉकेट हमले शुरू कर दिए, जिसके बाद इजरायल ने बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी।
इस्माइल हानिये को 2017 में हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो का प्रमुख चुना गया। हालांकि, वो हमास का पूरा नेटवर्क कतर में रहकर चलाता था और वहां परिवार के साथ विलासितापूर्ण जिंदगी जी रहा था। साल 2018 में इस्माइल हानिया को अमेरिका ने आतंकवादी घोषित कर दिया था।
13 बच्चों का बाप था इस्माइल हानिये
कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस्माइल हानिये के 13 बच्चे थे। अप्रैल में इजराइली सेना ने गाजा के अल-शती कैंप के पास एक कार पर हवाई हमला किया था, जिसमें इस्माइल हानिये के तीन बेटे, तीन पोतियों, एक पोते की मौत हो गई। जून में हानिये की बहन और उसके परिवार को मार डाला था। इसकी पुष्टि खुद हानिये ने की थी।
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गौर करने वाली बात यह है कि इस्माइल हानिये खुद रूढ़िवादी इस्लाम का समर्थन करता था, जबकि कई बार उसके बेटों को बेटे शराब पीते और आलीशान क्लबों में महिलाओं के साथ पार्टियां करते देखा गया।
मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में था इस्माइल
हानिये के नेतृत्व में हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर 75 सालों का सबसे घातक हमला किया था। इस हमले में 1,139 इजरायली मारे गए थे और 251 लोगों को बंदी बनाकर ले गए थे। तब इजरायल ने बदला लेने की कसम खाई थी। इस हमले के बाद से इस्माइल हानिये इजरायल में सर्वाधिक वांछित व्यक्ति (Most Wanted) था।
गूगल पर हानिये को लेकर ये सर्च हो रहा
गूगल सर्च में इस्माइल हानिये के बारे में 'हमास, हमास इस्माइल हानिये, हमास इस्माइल हानिये किल्ड, इस्माइल हानिये न्यूज और इस्माइल हानिये ईरान' आदि कीवर्ड से सर्च किया जा रहा है।
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दुनिया से गंदगी मिटाने का यह सही तरीका: इजरायली मंत्री
हमास के घातक हमले के 10 महीने बाद इजरायल ने इस्माइल हानिये को मार गिराया। हालांकि, इजरायल ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
इजरायल के हेरिटेज मिनिस्टर अमीचाई एलियाहु ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा है कि दुनिया से गंदगी मिटाने का यह सही तरीका है। इन जैसों से निपटने के लिए शांति और समर्पण समझौता आदि सब बेकार की बातें हैं। हानिये की मौत दुनिया को बेहतर बनाएगी।'
ईरान करता रहा है हमास का संरक्षण
हानिये ने शांति वार्ता के लिए कतर और मिस्र की मध्यस्थता में हुई बातचीत में हमास का नेतृत्व किया था। ईरान हमास को पूरी तरीके से समर्थन देता आया है।
ईरान हमास के नेताओं का संरक्षण भी करता है। उसने मंगलवार को तेहरान में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा लिया था। इससे कुछ दिनों पहले उसने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई से भी मुलाकात की थी।
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