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US के परमाणु समझौते से अलग होने पर भड़का ईरान, कहा- फिर शुरू करेंगे यूरेनियम संवर्धन

रूहानी ने चेतावनी दी है कि अगर देश की जरूरतों को पूरा नहीं किया जा सकेगा, तो ईरान समझौते में अनुमति के स्तर से परे यूरेनियम को समृद्ध करना शुरू कर देगा।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 08:26 AM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 09:17 AM (IST)
US के परमाणु समझौते से अलग होने पर भड़का ईरान, कहा- फिर शुरू करेंगे यूरेनियम संवर्धन
US के परमाणु समझौते से अलग होने पर भड़का ईरान, कहा- फिर शुरू करेंगे यूरेनियम संवर्धन

इस्तांबुल (एजेंसी)। ईरान के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अमेरिका अलग होगा या नहीं, इस सवाल से आखिरकार पर्दा उठ ही गया। ईरान की चेतावनी के बावजूद ट्रंप ने अमेरिका को 2015 परमाणु समझौते से अलग कर लिया। ट्रंप के इस फैसले का प्रभाव केवल ईरान पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा। जाहिर है कि ट्रंप के इस फैसले से ईरान भड़का हुआ है। हालांकि इस फैसले पर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि उनका देश अमेरिका के बिना भी इस परमाणु समझौते का हिस्सा बना रहेगा। उन्होंने मंगलवार को कहा कि अमेरिका के इस फैसले के बावजूद उनकी सरकार विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वे यूरेनियम संवर्धन को फिर से शुरू करने के लिए भी तैयार हैं, अब समझौते को लाभ प्रदान नहीं करना चाहिए।

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फिर ईरान पर लगेंगे आर्थिक प्रतिबंध

अमेरिका के इस फैसले के साथ ही ईरान पर दोबारा आर्थिक प्रतिबंध लग जाएंगे। हालांकि अमेरिका ने कहा है कि इन प्रतिबंधों को तुरंत नहीं लगाया जाएगा, बल्कि इसके लिए 90 और 180 दिन का इंतजार किया जाएगा। अमेरिका ने कहा है कि उन्हीं उद्योगों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जिनकी चर्चा 2015 समझौते में की गई थी। इनमें ईरान का तेल सेक्टर, विमान निर्यात, कीमती धातु का व्यापार और ईरानी सरकार के अमरीकी डॉलर खरीदने की कोशिशें शामिल हैं।

रूहानी की धमकी

ईरानी नेता ने कहा कि उन्होंने अपने राजनयिकों को यूरोपीय देशों रूस और चीन समेत इस सौदे के अन्य सदस्यों से बातचीत करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि परमाणु समझौता संयुक्त राज्य अमेरिका के बिना भी बचा रह सकता है। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावद जरिफ ने कहा कि वह यह पता लगाने के लिए एक राजनयिक प्रयास का नेतृत्व करेंगे कि शेष जेसीपीओए (JCPOA) के सदस्य देश ईरान के लिए अपने पूर्ण लाभ सुनिश्चित कर सकते हैं या नहीं। बता दें कि परमाणु समझौते को जेसीपीओए या संयुक्त व्यापक कार्य योजना के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि रूहानी ने चेतावनी दी है कि अगर देश की जरूरतों को पूरा नहीं किया जा सकेगा, तो ईरान समझौते में अनुमति के स्तर से परे यूरेनियम को समृद्ध करना शुरू कर देगा। रूहानी ने कहा, 'हम परमाणु समझौते से जो चाहते हैं वो हम प्राप्त कर सकते हैं, ऐसी स्थिति में समझौता बना रहेगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन को आदेश दिया गया है कि ईरान असीमित यूरेनियम संवर्धन  तैयार करेगा। उन्होंने ट्रम्प की रणनीति को मनोवैज्ञानिक जंग करार दिया और ईरान के लोगों से अमेरिका पर दबाव का विरोध करने का आग्रह किया।

ट्रंप ने क्या कहा

ट्रंप ने कहा, 'ईरान समझौता मूल रूप से दोषपूर्ण है, इसलिए मैं आज (मंगलवार) ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने की घोषणा कर रहा हूं।' जिसके बाद उन्होंने ईरान के खिलाफ ताजा प्रतिबंधों वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये। साथ ही ट्रंप ने आगाह किया कि जो भी ईरान की मदद करेगा उन्हें भी प्रतिबंध झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से दुनिया में यह संदेश जाएगा कि अमेरिका सिर्फ धमकी ही नहीं देता है, बल्कि करके भी दिखाता है।


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