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    'अमेरिका पर फिर हमला करेंगे...', सीजफायर के बाद भी नर्म नहीं पड़े खामनेई के तेवर, ट्रंप को क्या दी चुनौती?

    युद्धविराम के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने बयान दिया कि ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला कर अमेरिका के मुंह पर तमाचा मारा है। उन्होंने अमेरिका को भविष्य में ईरान पर हमला न करने की चेतावनी दी और कहा कि अमेरिका ने इजरायल को हार से बचाने के लिए ईरान पर हमला किया था।

    By Agency News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 26 Jun 2025 10:21 PM (IST)
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    ईरान-इजरायल सीजफायर के बाद सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने अमेरिका को दी चेतावनी।(फाइल फोटो)

    एपी, तेहरान। ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम लागू होने के बाद गुरुवार को पहली बार ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने बयान दिया। उन्होंने कहा, कतर के अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला कर ईरान ने अमेरिका के मुंह पर तमाचा मारा है। यह अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। उन्होंने अमेरिका को भविष्य में ईरान पर दोबारा हमला न करने के लिए चेताया। कहा कि उसका परिणाम और ज्यादा घातक होगा। बुधवार को हेग में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम दोबारा शुरू करने पर उस पर फिर से हमला करने का बयान दिया था।

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    अमेरिका ने इजरायल को हार से बचाने के लिए ईरान पर हमला किया: खामनेई

    ईरान के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित खामेनेई के 10 मिनट के रिकार्डेड वीडियो स्टेटमेंट में अमेरिका और इजरायल को चेतावनी और धमकियां दी गईं। कहा, रविवार को तीन परमाणु संयंत्रों पर अमेरिका के हमले के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं। जबकि वास्तव में उस हमले से अमेरिका को कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ।

    ट्रंप का बयान सुनकर कोई भी व्यक्ति बता देगा कि वह सच्चाई को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। वास्तव में अमेरिका ने इजरायल को हार से बचाने के लिए ईरान पर हमला किया। खामेनेई ने ईरान के लोगों को जीत की बधाई दी और सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने के लिए देश के नागरिकों की प्रशंसा की।


    13 जून को ईरान पर इजरायल का हमला शुरू होने के बाद खामेनेई गुप्त ठिकाने पर चले गए थे और वह अभी तक सार्वजनिक स्थान पर नहीं आए हैं। गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) के प्रमुख रफाएल ग्रोसी ने कहा कि इजरायली और अमेरिकी हमलों से ईरान के परमाणु संयंत्रों को काफी नुकसान हुआ है। लगता है कि हमलों से संयंत्रों में रखी हर चीज नष्ट हो गई है। यह बड़ा नुकसान है।

    परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा ईरान

    ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने भी माना है कि हमलों से उनके देश के परमाणु संयंत्रों को भारी नुकसान हुआ है लेकिन अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया है। गुरुवार को ईरान ने नागरिक विमानों के आवागमन के लिए अपना आकाश आंशिक रूप से खोल दिया, शांति रहने पर एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

    ड्रोन-मिसाइलों पर ज्यादा खर्च करना चाहते हैं ट्रंप

    वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले वर्ष के रक्षा बजट में सैनिकों के लिए वेतन वृद्धि के अलावा अधिक उच्च तकनीक वाली मिसाइलों और ड्रोन पर खर्च बढ़ाना चाहते हैं। जबकि नौसेना में नौकरियों में कटौती और पैसे बचाने के लिए कम संख्या में युद्धपोत और लड़ाकू विमान खरीदने की योजना है। बुधवार को जारी बजट दस्तावेज से यह बात सामने आई।बजट दस्तावेज के अनुसार, 893 अरब डालर के रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा बजट का प्रस्ताव है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भी लगभग इतना ही बजट है। प्रस्तावित बजट में परमाणु हथियारों से संबंधित गतिविधियां भी शामिल हैं और घरेलू सुरक्षा के लिए फंडिंग बढ़ाई गई है।

    अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस ने कहा कि हिंद-प्रशांत में चीन की आक्रामकता को रोकने और रक्षा उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए इस फंड का उपयोग किया जाएगा।ट्रंप के गोल्डन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली प्रस्ताव के लिए फं¨डग को एक अलग बजट अनुरोध में शामिल किया गया है। यह अमेरिकी संसद को भेजे गए प्रस्ताव में शामिल नहीं है। 2026 के बजट में ट्रंप ने लाकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित एफ-35 लड़ाकू विमानों की कम संख्या में मांग की है। जबकि केवल तीन युद्धपोतों की बात है।

    बजट में सैनिकों के लिए 3.8 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग की गई है। योजना के तहत नौसेना अपने नागरिक कर्मचारियों की संख्या में 7,286 लोगों की कमी करेगी। पिछले वर्ष तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडन ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 68 एफ-35 जेट की मांग की थी। जबकि वित्त वर्ष 2026 के बजट में केवल 47 लड़ाकू जेट की मांग है।