इजरायली हमले के डर से तेहरान छोड़ रहे ईरानी नागरिक, सड़कों पर लगा भीषण जाम; पेट्रोल की कमी
ईरान की राजधानी तेहरान में इज़राइल के हवाई हमलों की चेतावनी के बाद डर का माहौल है। लोग शहर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं जिससे सड़कों पर भारी ट्रैफिक है। इजरायली सेना ने तेहरान के नागरिकों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी है। धमाकों के कारण लोग बेसमेंट में छिप रहे हैं क्योंकि शहर में आधुनिक बम शेल्टर की कमी है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान की राजधानी तेहरान समेत पूरे देश में डर और अफरा-तफरी का माहौल है। इजरायल की ओर से लगातार नए हवाई हमलों की चेतावनियों के बाद लोग बड़े शहरों को छोड़कर सुरक्षित इलाकों की ओर भाग रहे हैं। खासतौर पर कैस्पियन सागर के पास के इलाकों की ओर जाने वाली सड़कों पर भारी ट्रैफिक देखने को मिल रहा है।
सोमवार को इजरायली सेना ने एक सख्त चेतावनी जारी की जिसमें तेहरान के नागरिकों से तुरंत इलाका खाली करने को कहा गया। इजरायली पोस्ट में कहा गया, "आने वाले घंटों में सेना तेहरान में सैन्य ठिकानों पर फिर से कार्रवाई करेगी, जैसे पिछले कुछ दिनों से कर रही है।"
🚨 #BREAKING: Thousands of vehicles have left Tehran. People are mostly fleeing to areas close to the Turkish border. If the attacks continue, millions of Iranians are expected to seek asylum in Türkiye. pic.twitter.com/q5ApcMwlmU
— Cyrus Intel (@Cyrus_Intel1) June 15, 2025
तेहरान में लोग बेसमेंट में छिपे
तेहरान के उत्तरी हिस्से सआदत आबाद की एक निवासी ने बताया कि इलाके में रातभर धमाके होते रहे। “कुछ धमाके इतने तेज थे कि पूरी इमारत हिल गई,” उन्होंने बताया। कई इमारतों में धुएं से दमघोंटू माहौल हो गया और परिवार के परिवार बेसमेंट में जाकर बच्चों को संभालने की कोशिश कर रहे थे।
ईरान की राजधानी की हवाई हमलों से निपटने के लिए अच्छी तैयारी नहीं है। जहां इजरायली शहरों में आधुनिक बम शेल्टर हैं, वहीं तेहरान में ज्यादातर लोग पुराने ईरान-इराक युद्ध (1980 के दशक) के समय बने बेसमेंट, सुरंगों या मेट्रो स्टेशनों पर निर्भर हैं।
BREAKING: Trump just said that the US involvement in Iran-Israel conflict is possible as people flee Tehran.
— Brian Krassenstein (@krassenstein) June 15, 2025
I thought he promised no new conflicts. pic.twitter.com/2Gzt8pZwsK
तेहरान नगर निगम के अध्यक्ष मेहदी चामरान ने कहा, “तेहरान में आधुनिक बम शेल्टर कभी बनाए ही नहीं गए। लोग बेसमेंट में जाते हैं। मेट्रो को सिर्फ बहुत गंभीर हालात में ही इस्तेमाल किया जा सकता है, वह भी अगर उसे पूरी तरह बंद कर दिया जाए।”
पेट्रोल-नकदी की कमी
हालांकि, डर के बावजूद लोगों का दैनिक जीवन कहीं-कहीं सामान्य नजर आ रहा है। किराना दुकानों में सामान अभी भी मौजूद है और कुछ कार्यक्रम भी जारी हैं। लेकिन पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें लग रही हैं। सरकार ने एक ग्राहक को अधिकतम 25 लीटर पेट्रोल देने की सीमा तय कर दी है। कुछ एटीएम पर नकदी निकासी की सीमा भी तय कर दी गई है, जिससे आम लोगों में और तनाव बढ़ रहा है।
केवल तेहरान ही नहीं, बल्कि देश के दूसरे शहरों में भी चिंता का माहौल है। शीराज में भी लोग पेट्रोल के लिए कतारों में लगे हैं और पानी, बच्चों के डायपर जैसी जरूरी चीजें जमा कर रहे हैं।
घरों से निकलने से डर रहे लोग
रात के समय तेहरान की सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है, दुकानें बंद रहती हैं और जो लोग शहर नहीं छोड़ पाए हैं, वे काम पर जाने से भी कतराने लगे हैं। यह स्थिति इजरायल की ओर से ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर लगातार किए गए हमलों के बाद बनी है।

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