फ्रांस के 2 नागरिकों को ईरान में हुई 63 साल की जेल, दोनों पर लगा था जासूसी का आरोप
ईरान की एक अदालत ने दो फ्रांसीसी नागरिकों को जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा के आरोपों में कुल 63 साल की जेल की सजा सुनाई है। इन दोनों को 2022 में गिरफ्तार किया गया था। फ्रांस ने इन आरोपों को झूठा और अदालत के फैसले को अन्यायपूर्ण बताया है। ईरान का दावा है कि ये नागरिक फ्रांसीसी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहे थे।

ईरान की अदालत ने फ्रांस के 2 नागरिकों को कुल 63 साल की सजा सुनाई। फोटो- रायटर्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान की एक अदालत ने फ्रांस के 2 नागरिकों को कुल 63 साल की सजा सुनाई है। उनके खिलाफ जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा का आरोप था। मंगलवार को ईरान की कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए कुल 63 साल की सजा दी है। दोनों को 30-30 से ज्यादा समय तक जेल में बिताना होगा।
ईरानी मीडिया के अनुसार, दोनों को सेसिल कोहलर और चक पेरिस नाम दिया गया है, लेकिन उनके असली नाम का खुलासा नहीं किया है। ईरान की पुलिस ने दोनों को 2022 में गिरफ्तार किया था। हालांकि, फ्रांस ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कोर्ट के फैसले को अन्यायपूर्ण कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में दी जा सकती है चुनौती
अदालत के इस फैसले के खिलाफ अगले 20 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। बता दें कि ईरानी अदालत का फैसला ऐसे समय आया है, जब तेहरान ने फ्रांस की कैद में मौजूद ईरानी नागरिक को छोड़ने की मांग की है।
ईरान की रिवोल्यूशनरी कोर्ट बंद कमरे में सुनवाई करती है। वहीं, आरोपियों को उनके खिलाफ इकट्ठा किए गए सबूतों तक पहुंचने की भी इजाजत नहीं होती है। कोर्ट का कहना है कि दोनों आरोपी फ्रांस की खुफिया एजेंसी के लिए काम करते थे और इजरायल को संवेदनशील जानकारियां पहुंचा रहे थे।
ईरानी पुलिस ने रैली से किया था गिरफ्तार
अदालत ने दोनों को 30-30 साल ज्यादा की सजा दी है, जो कुल मिलाकर 63 साल की होगी। ईरान की पुलिस ने दोनों को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों की रैली से गिरफ्तार किया था। फ्रांस की सरकार ने दोनों आरोपियों की पुष्टि करते हुए बताया कि ईरानी पुलिस द्वारा पकड़े गए फ्रांस के नागरिक पेशे से टीचर हैं और ईरान छुट्टियां मनाने गए थे।
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