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    ईरान ने दो फ्रांसीसी नागरिकों को जासूसी के आरोप में किया गिरफ्तार, आंदोलन को भड़काने का लगाया आरोप

    हिजाब विरोधी आंदोलन के बीच ईरान ने दो फ्रांसीसी नागरिकों को जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया है। ईरान ने गुरुवार को दोनों का वीडियो जारी करते हुए कहा कि इन्होंने फ्रांसीसी सुरक्षा सेवा की ओर से काम करने की बात स्वीकार की है।

    By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 06 Oct 2022 08:53 PM (IST)
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    ईरान ने दो फ्रांसीसी नागरिकों को जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया है। (फोटो- रायटर)

    दुबई, रायटर। हिजाब विरोधी आंदोलन के बीच ईरान ने दो फ्रांसीसी नागरिकों को जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया है। ईरान ने गुरुवार को दोनों का वीडियो जारी करते हुए कहा कि इन्होंने फ्रांसीसी सुरक्षा सेवा की ओर से काम करने की बात स्वीकार की है। ईरान के खुफिया मंत्रालय ने दोनों पर प्रदर्शनकारियों को भड़काने का आरोप लगाया है। वहीं, फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने इसे विश्व की सबसे खराब तानाशाही शासन की करतूत बताते हुए इनके फ्रांस की खुफिया सेवा से जुड़े होने से इन्कार किया है।

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    फ्रांस ने ईरान की कार्रवाई की निंदा की

    फ्रांस ने ईरान की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए हिरासत में लिए गए सेसिल कोहलर और उनके पार्टनर जैक्स पेरिस को तुरंत छोड़ने की मांग की है। वहीं, ईरान स्टेट मीडिया ने दोनों का वीडियो जारी किया है, जिसमें सुना जा सकता है, 'मैं सेसिल कोहलर एक खुफिया एजेंट हूं और डीजीएसई (डायरेक्टरेट जनरल फार एक्सटर्नल सेक्योरिटी) से जुड़ी हूं। हम यहां ईरान में क्रांति की जमीन तैयार करने आए हैं, जिससे इस्लामिक ईरान के शासन को उखाड़ फेंका जाए।' ऐसा कहते हुए सेसिल हेडस्कार्फ पहने हुए हैं।

    महसा अमीनी की मौत के बाद उग्र हुआ आंदोलन

    स्टेट टीवी के अनुसार दोनों फ्रांसीसी नागरिक ईरान में पैसे लेकर घुसे थे, इसका मलतब है कि यह धन आंदोलन और प्रदर्शन को भड़काने के लिए लाया गया था। वहीं, कोहलर के पार्टनर जैक्स पेरिस को वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है, फ्रांसीसी सुरक्षा सेवा की ओर से हमारा लक्ष्य ईरान सरकार पर दबाव बनाना है। उल्लेखनीय है कि हिजाब न पहने पर ईरानी की मोरल पुलिस की हिरासत में महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुआ आंदोलन उग्र हो चुका है।

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