दुबई में खुलेगा इंडिया मार्ट, अफ्रीका और सेंट्रल एशिया में भारत बढ़ाएगा निर्यात
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत यूएई में इंडिया मार्ट खोलेगा। इसका उद्देश्य यूएई के बाजार से अफ्रीका और सेंट्रल एशिया में निर्यात बढ़ाना है। यूएई सरकार ने इंडिया मार्ट के लिए जमीन आवंटित कर दी है जिसका निर्माण 2027 तक पूरा हो जाएगा। भारत टेक्सटाइल मत्स्य और फार्मा जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

राजीव कुमार,अबू-धाबी। भारत सिर्फ यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) में निर्यात बढ़ाने का प्रयास नहीं कर रहा है बल्कि यूएई के बाजार से अफ्रीका और सेंट्रल एशिया के देशों में अपना निर्यात बढ़ाएगा। इसलिए भारत यूएई में इंडिया मार्ट खोलने जा रहा है जहां भारतीय निर्यातकों के शो-रूम और गोदाम होंगे। अफ्रीका और सेंट्रल एशिया के देशों में भारतीय निर्यातक दुबई से ही अपना माल भेज सकेंगे।
अबू-धाबी में गुरुवार को आयोजित इंडिया-यूएई हाई लेवल ज्वाइंट टास्क फोर्स ऑन इंवेस्टमेंट (एचएलटीएफआई) की 13वीं बैठक के बाद वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भौगोलिक रूप से भारत की जगह यूएई से अफ्रीका और सेंर्ट्ल एशिया के देशों में माल भेजना ज्यादा आसान है, इसलिए हमने दुबई में इंडिया मार्ट खोलने का फैसला किया है।
यूएई सरकार ने किया जमीन का आवंटन
इंडिया मार्ट के लिए यूएई की सरकार ने जमीन का आवंटन कर दिया है। 22-25 लाख वर्ग फुट एरिया में इंडिया मार्ट का निर्माण वर्ष 2027 तक पूरा हो जाएगा जहां विभिन्न सेक्टर के भारतीय निर्यातक अपने माल की नुमाइश करने के साथ वहां से डिलिवरी भी कर सकेंगे।
भारत को क्या होगा फायदा?
गोयल ने बताया कि भारत यूएई में टेक्सटाइल, मेड-अप्स (चादर वगैरह) मत्स्य, लेदर उत्पाद, फूड प्रोसेसिंग आइटम और फार्मा के निर्यात को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। इसका फायदा यह होगा कि अमेरिका में अगर भारत का निर्यात प्रभावित होता है तो उसकी भरपाई करने में मदद मिलेगी। अभी दोनों देशों के बीच गैर पेट्रोलियम और गैर-बहुमूल्य धातु का व्यापार लगभग 55 अरब डालर तक पहुंच गया है जिसे अगले तीन साल में 100 अरब डालर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि भारत और यूएई ने तीसरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी परियोजना पूरी करने पर सहमति जताई है। यूएई के पास निवेश के लिए धनराशि है तो भारत के पास कुशल इंजीनियर और कौशल श्रम है।
यूपीआई के जरिए होगी भुगतान की सर्विस
गोयल ने बताया कि दोनों देशों के बीच जल्द ही यूनिफायड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से भुगतान सेवा की शुरुआत हो जाएगी। इस दिशा में भी यूएई से चर्चा की गई है। दोनों देश के नागरिक अपने-अपने देश के नंबर से एक-दूसरे को भुगतान कर सकेंगे। भारत में यूएई के निवेशकों को निवेश प्रक्रिया आसान बनाने के लिए दोनों देशों के बीच तमाम दस्तावेजी प्रक्रिया ऑनलाइन होने जा रही है और उनकी सहूलियत के लिए यूएई दूतावास में भारत के इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यूएई ने अपने उपग्रह छोड़ने के लिए भारत की अंतरिक्ष टेक्नोलाजी की सेवा लेने में रूचि दिखाई है। निर्माण और सेवा सेक्टर में निवेश के साथ यूएई के निवेशक भारत के शेयर बाजार में भी निवेश करने की इच्छा जताई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।