Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत और यूएई में सहयोग बढ़ाने को 10 समझौते, ऊर्जा, आधारभूत ढांचा, निवेश व प्रबंधन क्षेत्र में बढ़ेगा सहयोग

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के यूएई दौरे में दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के दस समझौते किए हैं। जिन क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौते हुए हैं उनमें ऊर्जा आधारभूत ढांचा निवेश और प्रबंधन के क्षेत्र हैं। इन समझौतों से दोनों देशों के संबंधों में और ज्यादा प्रगाढ़ता आई है। समझौतों की जानकारी देते हुए यह बात भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कही है।

    By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Wed, 14 Feb 2024 11:03 PM (IST)
    Hero Image
    पीएम मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति से मुलाकात की। (फोटो- एएनआई)

    पीटीआई, अबूधाबी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के यूएई दौरे में दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के दस समझौते किए हैं। जिन क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौते हुए हैं उनमें ऊर्जा, आधारभूत ढांचा, निवेश और प्रबंधन के क्षेत्र हैं। इन समझौतों से दोनों देशों के संबंधों में और ज्यादा प्रगाढ़ता आई है। समझौतों की जानकारी देते हुए यह बात भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    द्विपक्षीय कारोबार 85 अरब डालर के करीब

    अबूधाबी में प्रेस कान्फ्रेंस में क्वात्रा ने कहा, भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय कारोबार 85 अरब डालर के करीब पहुंच चुका है। इतना ही नहीं यूएई भारत में सबसे ज्यादा निवेश करना वाला चौथा देश है। हमारे संबंधों का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि यूएई के राष्ट्रपति शेख मुहम्मद बिन जायेद ने मंगलवार को हवाई अड्डे पर आकर समारोहपूर्वक प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया था। इसके बाद दोनों नेताओं ने आपस में बात की और उसके बाद प्रतिनिधिमंडलों के जरिये बात हुई।

    यह भी पढ़ेंः 'मैं मां भारती का पुजारी, 140 करोड़ देशवासी मेरे आराध्य', PM मोदी ने अबू धाबी में पहले मंदिर का किया उद्घाटन

    दोनों देशों के बीच कई सेक्टरों में समझौतें

    विदेश सचिव ने बताया कि जो समझौते हुए हैं उनसे भारत में ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी और स्वच्छ ऊर्जा को विकसित करने में सहायता मिलेगी। दोनों देशों के बीच ग्रीन हाइड्रोजन के भंडारण का भी समझौता हुआ है। दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए शोध में भी सहयोग करेंगे। दोनों देश भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनोमिक कारिडोर के विकास के लिए भी सहयोग करेंगे। दोनों देश मिलकर आपूर्ति व्यवस्था को भी सुदृढ़ करेंगे जिससे उत्पादों का लागत मूल्य कम होगा और वस्तुएं जल्द उपलब्ध होंगी।