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ये है दुनिया का सबसे अमीर राजा, जिसके उपहार बांटने से गिर जाती थी सोने की कीमत

ये राजा इतना अमीर था कि वर्तमान में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस भी इसके आसपास नहीं टिकते। हज यात्रा के दौरान इनके उपहारों से पूरे मिडिल ईस्ट की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 01:17 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 09:03 AM (IST)
ये है दुनिया का सबसे अमीर राजा, जिसके उपहार बांटने से गिर जाती थी सोने की कीमत
ये है दुनिया का सबसे अमीर राजा, जिसके उपहार बांटने से गिर जाती थी सोने की कीमत

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। आपने बहुत से अमीर राजाओं और लोगों की कहानियां सुनी और पढ़ी होंगी, लेकिन ये कहानी है दुनिया के सबसे अमीर राजा की, जिसके उपहारों ने एक देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी। हालांकि, उस राजा का देश अब खुद आर्थिक संकट से जूझ रहा है। माना जाता है कि इसी राजा ने पश्चिम अफ्रीका में शिक्षा की परंपरा शुरू की थी। वर्तमान में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस, जिनकी संपत्ति 99 बिलियन पाउंड (9028 अरब रुपये से भी ज्यादा) है, वह भी इस राजा के आसपास नहीं टिकते।

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ये अविश्वसनीय कहानी है, 14वीं सदी में माली देश के राजा रहे मनसा मूसा की। मनसा मूसा इतिहास के सबसे उदार राजाओं में से एक थे। वह जहां जाते, वहां आम लोगों को इतना उपहार देते थे कि उस देश की अर्थव्यवस्था डगमगाने लगती थी। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर रूडोल्फ बुच वेयर ने बीबीसी से बातचीत में बताया कि मूसा के दौर के खाते इतनी खराब स्थिति में हैं कि उनके धन और वैभव का सही-सही अंदाजा लगा पाना लगभग नामुमकिन है।

विरासत में मिला था शासन
मनसा मूसा का जन्म 1280 के एक शासक परिवार में हुआ था। उनके भाई मनसा अबु-बकर ने 1312 तक शासन किया। मनसा अबु-बकर, जब एक समुद्री अभियान से वापस लौटने में असफल रहे तब उनके भाई मनसा मूसा को स्वर्ण समृद्ध साम्राज्य विरासत में मिला था। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में अफ्रीकी कला के ब्लॉक म्यूजियम ऑफ आर्ट के विशेषज्ञ कैथनील बिकफोर्ड बेरजॉक के अनुसार शासक के रूप में मनसा मूसा के पास मध्ययुगीन दुनिया में धन के सबसे मूल्यवान स्रोत तक लगभग असीमित पहुंच थी।

दुनिया के लगभग आधे सोने का भंडार
सोने और अन्य सामानों का व्यापार करने वाले प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी मनसा मूसा के राज्य में ही थे, जिसके व्यापार से उन्हें काफी मुनाफा मिलता था। दरअसल मूसा ने उस वक्त टिम्बकटू समेत 24 शहरों के व्यापार मार्ग को बंद कर दिया था। इसका पूरा लाभ माली को मिला। उस दौर में माली के पास पूरी दुनिया के सोने का लगभग आधा हिस्सा था, जिस पर वहां के शासक मनसा मूसा का एकाधिकार था। आर्थिक इतिहासकार भी मानते हैं कि पर्याप्त दस्तावेजों के अभाव में मनसा मूसा के पास कितना धन था, इसका सही-सही अंदाजा लगाना असंभव है।

हज यात्रा से पूरे मिडिल ईस्ट में आ गया था आर्थिक संकट
मूसा धार्मिक प्रवृत्ति के मुसलमान थे। एक बार उन्होंने सहारा रेगिस्तान और मिस्र से होते हुए मक्का में हज यात्रा पर जाने का फैसला लिया। माली से हज के लिए निकलते वक्त उनके कारवां में 60,000 से ज्यादा लोग, हाथी, घोड़े, ऊंट व अन्य कई तरह के जानवर और भारी मात्रा में साजो-सामान शामिल था। यात्रा के दौरान उन्होंने काहिरा में अपने लाव-लश्कर के साथ तीन महीने का प्रवास किया था।

इस दौरान उन्होंने वहां के लोगों को तोहफे में इतना सोना दे दिया कि मिस्र की अर्थव्यवस्था बैठ गई। मूसा के स्वर्ण उपहारों की वजह से पूरे 10 साल तक मिस्र में सोने की कीमतें औंधे मुंह गिरी रही। तीर्थ यात्रा के दौरान मूसा ने इतने स्वर्ण उपहार बांटे कि पूरे मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) क्षेत्र को लगभग 1.1 बिलियन पाउंड (100 अरब रुपये से ज्यादा) का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था।

पश्चिमी अफ्रीका में शिक्षा की परंपरा शुरू की
माना जाता है मनसा मूसा ने ही पश्चिमी अफ्रीका में शिक्षा की परंपरा शुरू की थी। उन्होंने साहित्य, कला और वास्तुकला को बढ़ावा देने में अहम योगदान दिया। साथ ही स्कूल, पुस्तकालयों और मस्जिदों को इसके लिए वित्त पोषित किया। हज यात्रा से वापसी करते वक्त वह मिस्र से होकर गुजरे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उन्होंने सोने को प्रचलन से बाहर करने का प्रयास किया। इसके लिए उन्होंने सोने को ब्याज पर वापस लेना शुरू कर दिया था।


मनसा मूसा और उनके द्वारा टिम्बकटू में संचालित की गई सिन्कोर मस्जिद।

दूसरी हज यात्रा में दान किया 200 किलो सोना
कुछ समय बाद वह कई विद्वानों के साथ दोबारा मक्का गया, जिसमें पैगंबर मुहम्मद और अंडालूसी कवि के वंशज भी शामिल थे। इसके लिए मनसा मूसा ने इन विद्वानों को उस वक्त 200 किलो सोने का भुगतान किया था, जिसकी कीमत आज लगभग 6.3 बिलियन पाउंड (574 अरब रुपये से भी ज्यादा) है।

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