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    जलवायु परिवर्तन की वजह से सऊदी अरब में पड़ रही जानलेवा गर्मी, अब तक 550 हज यात्रियों की मौत

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sat, 22 Jun 2024 06:00 AM (IST)

    जलवायु विज्ञानियों और शोधकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन ने सऊदी अरब में गर्मी को और बढ़ा दिया है। इसके चलते वहां का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। इस भीषण गर्मी की चपेट में आकर कम-से-कम 550 हज यात्रियों की मौत हो गई। रिपोर्टों के अनुसार मृतकों में 323 मिस्त्र 98 भारत 60 जार्डन और पांच ईरान के नागरिक शामिल हैं।

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    सऊदी अरब में 2.5 डिग्री तापमान बढ़ने से हुई हज यात्रियों की मौत (फोटो-एएफपी)

     पीटीआई, नई दिल्ली। जलवायु विज्ञानियों और शोधकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन ने सऊदी अरब में गर्मी को और बढ़ा दिया है। इसके चलते वहां का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। इस भीषण गर्मी की चपेट में आकर कम-से-कम 550 हज यात्रियों की मौत हो गई।

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    शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रकृति की परिवर्तनशीलता ने संभवत: छोटी भूमिका निभाई है। पिछले कुछ सप्ताह से पूर्वी भूमध्य सागर और पश्चिम एशिया के बड़े हिस्से को अत्यधिक तापमान का सामना करना पड़ा है।

    मृतकों में 323 मिस्त्र, 98 भारत के नागरिक

    मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि शुक्रवार को शुरू हुई वार्षिक हज यात्रा के दौरान कम-से-कम 550 जायरीनों की मौत हो गई। मक्का की मस्जिद के आसपास तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। रिपोर्टों के अनुसार, मृतकों में 323 मिस्त्र, 98 भारत, 60 जार्डन और पांच ईरान के नागरिक शामिल हैं।

    यूरोपीय संघ की फं¨डग से चल रहे क्लाइमामीटर के विश्लेषकों ने इसे ''बहुत ही असामान्य'' घटना बताया। उन्होंने कहा, हम सऊदी अरब में प्रचंड गर्मी के लिए मानव जनित जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार मानते हैं। इसमें प्राकृतिक परिवर्तनशीलता की भूमिका मामूली हो सकती है।