Afghanistan Crisis: पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी लौट सकते हैं अफगानिस्तान, वापसी को लेकर तालिबान से बातचीत
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति अशरफ गनी एक बार फिर कहा है कि उन्होंने रक्तपात रोकने के लिए देश छोड़ा था। गनी ने उन खबरों को भी गलत बताया है जिसमें कहा गया है कि अपने साथ बहुत ज्यादा पैसे लेकर गए हैं।

अबूधाबी, एजेंसियां। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार के सदस्यों को संयुक्त अरब अमीरात ने अपने यहां शरण दी है। एएफपी न्यूज एजेंसी के अनुसार अशरफ गनी ने कहा है कि वो वापस अफगानिस्तान आने के लिए तालिबान से बातचीत कर रहे हैं। यूएई से गनी ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को भी खारिज कर दिया है। गनी ने उन खबरों को भी गलत बताया है जिसमें कहा गया है कि अपने साथ बहुत ज्यादा पैसे लेकर गए हैं। बुधवार को यूएई के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मानवता के आधार पर गनी को शरण दी गई है।
देश छोड़कर भागने के आरोपों पर दिया जवाब
देश छोड़ने के लिए चौतरफा आलोचना के शिकार हो रहे गनी ने कहा कि अगर वह काबुल में रहते है तो वहां भारी रक्तपात का गवाह बनते। यूएई से पहली बार फेसबुक के जरिये लोगों को संबोधित करते हुए गनी ने कहा कि सरकारी अधिकारियों की सलाह पर ही उन्होंने देश छोड़ने का फैसला किया। वह अपने साथ कोई धन नहीं लाए हैं।
1,150 करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप
बुधवार को ताजिकिस्तान में राजदूत जहीर अगबर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि गनी अपने 16.9 करोड़ डालर (लगभग 1,150 करोड़ रुपये) लेकर गए हैं। हालांकि, अगहर ने अपने इस दावे को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं दी। उन्होंने गनी को गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल से अनुरोध करने का भी वादा किया। इंटरपोल ने अभी तक ऐसा कोई अनुरोध मिलने से इन्कार किया है।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद देश से भागे थे गनी
बता दें कि रविवार को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद गनी अफगानिस्तान छोड़कर भाग गए थे। उसके अगले दिन भी ट्वीट कर गनी ने कहा था कि उन्होंने खूनखराबा रोकने के लिए अफगानिस्तान छोड़ने का फैसला किया था।
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