अफगानिस्तान में तालिबान कर रहा है वर्चस्व की लड़ाई, सैन्य संघर्ष में 20 आतंकी ढेर, तीन सैनिक शहीद
अफगानिस्तान से विदेशी सेनाओं की वापसी का सिलसिला शुरू होते ही तालिबान ने भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी थीं। तालिबान देश में अपना वर्चस्व स्थापित करने की भरपूर कोशिश कर रहा है लेकिन अफगानी सेना डटकर मुकाबला कर रही है।

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो देशों का हस्तक्षेप समाप्त होने की कगार पर है। साथ ही बड़ी तादाद में विदेशी सैनिक देश से वापस भी जा चुके हैं, और अब वहां पर शांति व्यवस्था स्थापित करने की जिम्मेदारी अफगान सैन्य बलों के हाथों में है। साथ ही विदेशी सेनाओं की वापसी का सिलसिला शुरू होते ही तालिबान ने भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी थीं। तालिबान देश में अपना वर्चस्व स्थापित करने की भरपूर कोशिश कर रहा है, लेकिन अफगानी सेना डटकर मुकाबला कर रही है।
सैन्य कार्रवाई में 20 आतंकी ढेर
शनिवार को देश के उत्तरी बदख्शां प्रांत से सेना और तालिबान के बीच मुठभेड़ की खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक सेना की जवाबी कार्रवाई में 20 तालिबान आतंकवादी मारे गए हैं और तीन सैनिक शहीद हुए हैं। सेना और तालिबान के बीठ मुठभेड़ की खबर का प्रांत के एक सैन्य अधिकारी कैप्टन अब्दुल रजाक ने पुष्टि की है। रजाक ने बताया कि बीते 24 घंटों के दौरान सेना द्वारा की गई कार्रवाई में 20 तालिबान आतंकी मारे गए और 3 सैनिक शहीद हुए हैं। साथ ही 10 आतंकी और 5 सुरक्षाकर्मियों के घायल होने की भी खबर है।
तालिबान के नापाक मंसूबे
बदख्शां के कुछ स्थानीय लोगों ने खबर में अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त के साथ जानकारी दी कि, तालिबान के आतंकियों ने बीते 24 घंटों के दौरान इलाके के तगाब, किशिम, ताशकन और शहर-ए-बुजर्ग जिलों के मुख्यालयों पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, बदख्शां के प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता निक मोहम्मद नजरी ने न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के साथ बातचीत में तालिबान आतंकवादियों द्वारा जिले पर कब्जे की बात को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि अभी सेना और आतंकियों के बीच संघर्ष जारी है।
अमेरिका का हस्तक्षेप सामप्त
गौरतलब है कि बीती एक मई को अफगानिस्तान से अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना की वापसी शुरू होने के बाद से तालिबान आतंकवादियों ने गतिविधियां तेज कर दी हैं। वहीं, बीते शुक्रवार को अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में अपना मुख्य सैन्य बेस बगराम हवाई अड्डे से नियंत्रण वापस ले लिया था। अफगान मिशन के दौरान हवाई युद्ध और सैन्य समर्थन का संचालन के लिए इस एयर बेस का इस्तेमाल किया गया था। ये एयर बेस काबुल से करीब 60 किमी की दूरी पर स्थित है।
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