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    हमास की गोलीबारी में घायल इजरायली सैनिक की बचाई जान, इरिट्रिया के नागरिक को नेतन्याहू सरकार ने दिया यह सम्मान

    By AgencyEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Mon, 27 Nov 2023 08:42 AM (IST)

    इरिट्रिया के एक नागरिक मुलुगेटा त्सागी को रविवार को इजरायल ( 2023 Israel- Hamas ceasefire ) में स्थायी निवास का दर्जा प्राप्त हुआ है। दरअसल मुलुगेटा त्सागी ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए अचानक हमले में एक इजरायली सैनिक की जान बचाई थी। इन्हें धन्यवाद के रूप में यह दर्जा दिया गया है। घायल इजरायली सैनिक एक लेफ्टिनेंट-कर्नल है जिसे हमास के कई आतंकवादियों ने गोली मार दी थी।

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    हमास की गोलीबारी में घायल इजरायली सैनिक की बचाई जान (Image: ANI)

    एएनआई, तेल अवीव। 2023 Israel–Hamas ceasefire: इरिट्रिया के एक नागरिक मुलुगेटा त्सागी को रविवार को इजरायल में स्थायी निवास का दर्जा प्राप्त हुआ है। इन्हें धन्यवाद के रूप में यह दर्जा दिया गया है। दरअसल, मुलुगेटा त्सागी ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए अचानक हमले में एक इजरायली सैनिक की जान बचाई थी।

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    समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, त्सागी ने सेडरोट में हमास आतंकवादियों द्वारा गोली मारे गए एक इजरायली सैन्य अधिकारी को जीवनरक्षक प्राथमिक उपचार दिया था। इसके बाद वह कई घंटों तक इजरायली अधिकारी के साथ भी रहा, जब तक कि वह अस्पताल नहीं पहुंच गया। इस बीच आंतरिक मंत्री मोशे अर्बेल ने कहा, कृतज्ञता दिखाने के लिए कम से कम जो किया जा सकता है वह यह है कि त्सागी को यहां सम्मान के साथ रहने की अनुमति दी जाए।

    इजरायली सैनिक की बचाई थी जान

    घायल इजरायली सैनिक एक लेफ्टिनेंट-कर्नल है, जिसे हमास के कई आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। जान बचाने वाले मुलुगेटा त्सागी ने इजरायली सैनिक युद के उपचार के दौरान कहा था 'मैं आपके साथ हूं'। बता दें कि दोनों दो घंटे से अधिक समय तक नहर में छिपे रहे थे।

    आंतरिक मंत्री मोशे अर्बेलने कहा, '7 अक्टूबर एक आपदा की तरह आई थी, जिसने पूरे देश को प्रभावित किया। आईडीएफ में एक अधिकारी की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वालों के प्रति कृतज्ञता दिखाने के लिए कम से कम इतना तो किया ही जा सकता है कि मुलुगेटा को यहां सम्मान के साथ रहने का अवसर दिया जाए। कृतज्ञता सर्वोच्च यहूदी मूल्य है।'

    इजरायल में 30,000 अफ्रीकी लेना चाहते है शरण

    इजरायल में लगभग 30,000 अफ्रीकी शरण-चाहने वाले रहते हैं, जिनमें से अनुमानित 17,000 इरिट्रिया से हैं। मानवाधिकार समूह उत्तरपूर्वी अफ्रीकी देश इरिट्रिया को तीन दशक पहले पड़ोसी इथियोपिया से अलग होने के बाद से दुनिया के सबसे दमनकारी देशों में से एक बताया जाता हैं। यहां राष्ट्रपति इसाईस अफवर्की का शासन है। बता दें कि तेल अवीव में इरिट्रिया दूतावास में क्रांति दिवस समारोह के खिलाफ इरिट्रिया शरण चाहने वालों का प्रदर्शन सितंबर में हिंसक हो गया, जिसमें 49 पुलिस अधिकारियों सहित 170 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

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