Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    COP28: शर्तों के चलते स्वच्छ ऊर्जा संकल्प से पीछे हटा भारत, कोयले के इस्तेमाल को समाप्त करने का संकल्प में था उल्लेख

    By AgencyEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Sun, 03 Dec 2023 10:42 PM (IST)

    भारत ने 2030 तक वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के संकल्प पर हस्ताक्षर करने से परहेज किया क्योंकि मसौदा पत्र में कोयले के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का उल्लेख था। कॉप-28 के दौरान जताई गई प्रतिबद्धता में कोयला आधारित बिजली उत्पादन को चरणबद्ध तरीके से बंद करने और नए कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की फंडिंग को समाप्त करने का आह्वान किया गया है।

    Hero Image
    शर्तों के चलते स्वच्छ ऊर्जा संकल्प से पीछे हटा भारत। फाइल फोटो।

    पीटीआई, दुबई। भारत ने 2030 तक वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के संकल्प पर हस्ताक्षर करने से परहेज किया, क्योंकि मसौदा पत्र में कोयले के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का उल्लेख था। भारत इसका समर्थन नहीं करता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत ने प्रतिबद्धता मसौदे पर हस्ताक्षर करने से किया इनकार

    भारत और चीन दोनों ने शनिवार को कॉप-28 जलवायु शिखर सम्मेलन में 2030 तक दुनिया की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के संकल्प पर हस्ताक्षर करने से परहेज किया। हालांकि, भारत पहले ही जी-20 की अध्यक्षता के दौरान हुई बैठक में इस संबंध में अपनी प्रतिबद्धता जता चुका है।

    संयुक्त राष्ट्र की जलवायु वार्ता के दौरान 118 देशों ने 2030 तक वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने की प्रतिबद्धता जताई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के एक सूत्र ने कहा कि भारत ने प्रतिबद्धता मसौदे पर हस्ताक्षर करने से परहेज किया, क्योंकि मसौदा में कोयले के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का उल्लेख था। इसका व ह समर्थन नहीं करता है।

    जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से बंद करने पर भारत दे रहा जोर

    भारत अन्य देशों से कोयले के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से कम करने के लिए समझौते के बजाय सभी जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के लिए सहमत होने को कह रहा है।

    सूत्र ने कहा कि भारत सितंबर में दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने पर पहले ही एक समझौता कर चुका है। देशों के एक समूह द्वारा लिया गया संकल्प जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा समझौते (यूएनएफसीसीसी) के दायरे से बाहर था।

    कोयला आधारित बिजली उत्पादन को बंद करने की कही गई है बात

    कॉप-28 के दौरान जताई गई प्रतिबद्धता में कोयला आधारित बिजली उत्पादन को चरणबद्ध तरीके से बंद करने और नए कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की फंडिंग को समाप्त करने का आह्वान किया गया है।