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    ईरानी संसद में लगे नारे; स्पीकर बोले- सरकार गिराने के लिए चल रहा आंदोलन, हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में 92 की मौत

    By AgencyEdited By: Krishna Bihari Singh
    Updated: Sun, 02 Oct 2022 11:18 PM (IST)

    बीते दिनों हिजाब नहीं पहने के आरोप में गिरफ्तार की गई कुर्दिश युवती महसा अमीनी की पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी। इसके बाद शुरू हुए प्रदर्शनों के बीच अन्य अलगाववादी संशस्त्र विद्रोहियों ने भी संघर्ष छेड़ दिया है।

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    पेरिस में कुर्द महिला महसा अमिनी के समर्थन में प्रदर्शन करते लोग (Photo AFP)

    दुबई, रायटर। हिजाब विरोधी आंदोलन ईरान के साथ कई देशों में भी जारी है। वहीं, ईरान सरकार का मानना है कि पुलिस की सख्ती से समाज में आंदोलन कमजोर पड़ता जा रहा है। रविवार को संसद सत्र के दौरान सांसदों ने प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध सख्ती करने के लिए 'शुक्रिया पुलिस' के नारे लगाए। ईरानी स्टेट मीडिया द्वारा एक बहुप्रसारित वीडियो में संसद सत्र के दौरान सांसद ईरान के सवोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई के समर्थन में 'हमारी नसों में बह रहा खून हमारे नेता के लिए उपहार है', का नारा लगाते दिखाई दे रहे हैं।

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    अब तक 92 लोगों की मौत

    वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट मुताबिक नॉर्वे स्थित एनजीओ ईरान ह्यूमन राइट्स (Iran Human Rights, IHR) ने कहा है कि पुलिस हिरासत में एक 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के विरोध में भड़के विरोध प्रदर्शनों के दौरान ईरान में कम से कम 92 लोग मारे गए हैं। आईएचआर (Iran Human Rights, IHR) के निदेशक महमूद अमीरी मोघद्दाम ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का कर्तव्य है कि वह मानवाधिकारों के खिलाफ अंजाम दिए गए अपराधों की छानबीन करे। शनिवार को भी ईरान के कुर्द क्षेत्र में व्यापक रैलियों एवं विरोध प्रदर्शनों का आयो‍जन हुआ।

    सशस्त्र विद्रोहियों ने भी छेड़ा संघर्ष

    वहीं, एपी के अनुसार, संसद के स्पीकर मोहम्मद बगहर क्वालीबाफ ने रविवार को चेतावनी दी कि महसा अमीन की मौत के बाद जारी विरोध प्रदर्शन देश को अस्थिर कर सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार को गिराना है, जबकि पहले चल रहा शिक्षकों का आंदोलन सुधार करने को लेकर था। उल्लेखनीय है कि हिजाब न पहने के आरोप में गिरफ्तार कुर्दिश युवती महसा अमीनी की पुलिस की हिरासत में मौत के बाद शुरू हुए प्रदर्शन के बीच अन्य अलगाववादी सशस्त्र विद्रोहियों ने भी संघर्ष छेड़ दिया है।

    जेल में बंद ईरानी-अमेरिकी बाकर नमाजी को देश छोड़ने की अनुमति

    समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को कहा कि 2016 में जासूसी के आरोप में ईरान में हिरासत में लिए गए 85 वर्षीय ईरानी-अमेरिकी बाकर नमाजी को एक हफ्ते के लिए विदेश में चिकित्सा उपचार के लिए देश छोड़ने की अनुमति दे दी गई है। नमाजी पूर्व में संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के लिए काम करता था।

    स्विटजरलैंड में उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने रबर की गोलियां दागीं

    समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में हिजाब के विरोध में चल रहे आंदोलन का समर्थन करने के लिए स्विटजरलैंड के बर्न में ईरानी दूतावास के सामने उग्र प्रदर्शन करने पर पुलिस ने रबर की गोलियां दागीं। ईरानी दूतावास पर लगे ईरानी झंडे को दो पुरुषों द्वारा नीचे गिराने के बाद तनाव बढ़ गया। पुलिस ने कहा कि शनिवार को हुई घटना में कोई जख्मी नहीं हुआ है। पुलिस को भारी भीड़ को तितर-वितर करने के लिए रबर की गोलियां चलानी पड़ीं।  

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