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    ईरान पर स्ट्राइक के बाद भी खत्म नहीं हुई है चुनौती, परमाणु बम बनाने के नॉलेज को कैसे तबाह करेगा अमेरिका?

    By Jagran News NetworkEdited By: Swaraj Srivastava
    Updated: Mon, 23 Jun 2025 12:07 AM (IST)

    अमेरिका और पश्चिमी देश सार्वजनिक तौर पर यह शिकायत करते रहें कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर काम करते हुए ऐसा नालेज बेस बनाया है, जिसे नष्ट नहीं किया जा सकता है। अमेरिका के हमले के बाद वाशिंगटन स्थित आ‌र्म्स कंट्रोल एसोसिएशन ने एक बयान में कहा है सिर्फ सैन्य हमला ईरान के गहन परमाणु ज्ञान को खत्म नहीं कर सकता।

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    ईरान ने पिछले दो दशकों के दौरान अपने परमाणु कार्यक्रम का विस्तार किया है (फोटो: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शनिवार की रात ईरान के मुख्य परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमलों के नतीजे दुनिया को बताएंगे कि सैन्य ताकत से अपेक्षित नतीजे हासिल किए जा सकते हैं या नहीं। दुनिया का एक नजरिया यह भी है कि इस तरह के हमलों से परमाणु कार्यक्रम में देरी की जा सकती है लेकिन अगर किसी देश ने परमाणु बम बनाने का पक्का इरादा कर लिया है तो उसके संकल्प को खत्म नहीं किया जा सकता है।

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    ईरान ने पिछले दो दशकों के दौरान अपने परमाणु कार्यक्रम का विस्तार किया है और अब यह अधिक परिष्कृत हो गया है। कई अधिकारियों और परमाणु विशेषज्ञों ने चेताया है कि आप किसी देश के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त कर सकते हैं लेकिन उस देश ने जो ज्ञान हासिल किया है उसे खत्म करना बहुत मुश्किल या असंभव है।

    60 प्रतिशत शुद्धता तक यूरेनियम परिष्कृत

    अमेरिका और पश्चिमी देश सार्वजनिक तौर पर यह शिकायत करते रहें कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर काम करते हुए ऐसा नालेज बेस बनाया है, जिसे नष्ट नहीं किया जा सकता है। अमेरिका के हमले के बाद वाशिंगटन स्थित आ‌र्म्स कंट्रोल एसोसिएशन ने एक बयान में कहा है सिर्फ सैन्य हमला ईरान के गहन परमाणु ज्ञान को खत्म नहीं कर सकता। ईरान के पास परिष्कृत यूरेनियम का भंडार 13 जून को संवर्धन प्रतिष्ठानों के खिलाफ इजरायल के पहले हमले तक ईरान 60 प्रतिशत शुद्धता तक यूरेनियम परिष्कृत कर रहा था।

    परमाणु बम बनाने के लिए 90 प्रतिशत शुद्धता तक यूरेनियम परिष्कृत करना होता है। 2015 में हुए परमाणु समझौते के तहत 3.67 प्रतिशत शुद्धता तक यूरेनियम परिष्कृत करने की सीमा तय की गई थी। डोनाल्ड ट्रंप की अगुआई में अमेरिका इस समझौते से पीछे हट गया और ईरान ने भी समझौते का पालन करना बंद कर दिया।

    अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा परमाणु एजेंसी (आइएईए) द्वारा 31 मई को जारी रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने 60 प्रतिशत शुद्धता तक पर्याप्त यूरेनियम संवर्धित कर लिया है और अगर और संवर्धित किया जाए तो इससे नौ परमाणु बम बनाए जा सकते हैं।

    अज्ञात स्थान पर भेजा गया यूरेनियम

    ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फोर्डो परमाणु संयंत्र में संवर्धित ज्यादातर यूरेनियम अमेरिका के हमले से पहले ही अज्ञात स्थान पर भेजा जा चुका था। फोर्डो परमाणु संयंत्र में ही यूरेनिय को 60 प्रतिशत शु्द्धता तक परिष्कृत किया गया है।

    उप विदेश मंत्री काजम गरीबाबादी ने पिछले सप्ताह सरकारी टीवी को बताया था कि ईरान उन परमाणु सामग्रियों और उपकरणों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा, जिनकी सूचना आइएईए को नहीं दी जाएगी, तथा वह अब परमाणु एजेंसी के साथ पहले की तरह सहयोग नहीं करेगा।

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