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    अमेरिका और इजरायल की बढ़ी धड़कन, ईरान बना सकता है 6 न्यूक्लियर बम, मिडिल-ईस्ट में बदलेगा पॉवर बैलेंस?

    IAEA on Iran Nuclear Programme ईरान तेजी से परमाणु बम बनाने की कोशिश में जुटा है। इसके लिए आवश्यक यूरेनियम का बड़ा जखीरा एकत्र कर लिया है। इस बात की पुष्टि खुद यूएन की एजेंसी IAEA ने कर दी है जिसने अमेरिका और इजरायल की चिंता और बढ़ा दी है। पढ़िए ईरान कितने परमाणु बम बना सकता है इससे मिडिल ईस्ट का पॉवर बैलेंस कैसे चेंज हो सकता है?

    By Deepak Vyas Edited By: Deepak Vyas Updated: Thu, 27 Feb 2025 05:15 PM (IST)
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    ईरान के परमाणु कार्यक्रम ने अमेरिका और इजरायल की चिंता बढ़ा दी है। फोटो: जागरण

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिया देश ईरान तेजी से परमाणु बम बनाने की ओर आगे बढ़ रहा है। इजरायल और अमेरिका से सीधी दुश्मनी मोल लेने वाले ईरान के इस कदम ने अमेरिका और इजरायल की धड़कनें बढ़ा दी हैं। अमेरिका को यह मालूम है कि ईरान यदि परमाणु संपन्न बन गया तो उस पर दबाव बनाना इतना आसान नहीं रह जाएगा। इजरायल जो अभी ईरान से ज्यादा पॉवर रखता है, ईरान के परमाणु बम बनाने के बाद पॉवर बैलेंस भी बदल जाएगा।

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    अमेरिका और इजरायल के साथ चल रही तनातनी के बीच ईरान जल्द से जल्द परमाणु बम बनाने की कोशिश में जुटा है। इस बात का खुलासा खुद संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इंटरनेशनल आटोमिक एनर्जी एजेंसी यानी आईएईए ने किया है। IAEA ने स्पष्ट किया है कि ईरान ने न्यूक्लियर बम बनाने लायक यूरेनियम का जखीरा 50 प्रतिशत बढ़ा दिया है। इस एजेंसी का कहना है कि ईरान एक-दो नहीं बल्कि 6 परमाणु बम बना सकता है।

    ईरान को रास नहीं आई इंटरनेशनल 'बेइज्जती'

    अमेरिका ने हाल के समय में ईरान को डिप्लोमेटिक तौर पर और हवाई हमलों में ईरान के कमांडरों को मौत के घाट उतारकर जो नुकसान पहुंचाया है, उसे ईरान इंटरनेशनल बेइज्जती के तौर पर ले रहा है और पिछले एक साल में परमाणु बम बनाने में प्रयुक्त यूरेनियम के भंडार में भारी वृद्धि की है। अमेरिका की चुनौती यह है कि वह ईरान को परमाणु बम बनाने से रोके, लेकिन उसके पास ऐसा करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं बचा है।

    ...तो फिर क्या करेंगे अमेरिका और इजरायल?

    अमेरिका और इजरायल बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि ईरान परमाणु बम बनाए। ​विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका और इजरायल ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को निशाना बना सकते हैं, इसके लिए बाकायदा तैयारी की जा चुकी है।

    ईरान परमाणु बम बनाने से सिर्फ एक कदम दूर

    ईरान ने परमाणु कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया है और ब तक 60 फीसदी यूरेनियम का जखीरा एकत्र कर लिया है। न्यूक्लियर बम बनाने के लिए उसे 90 फीसदी यूरेनियम एकत्र करने की जरूरत है। इस स्तर तक पहुंचने के लिए ईरान को ज्यादा समय नहीं लगेगा। वह ​न्यूक्लियर बम बनाने से सिर्फ एक कदम दूर है। अमेरिका और इजरायल को इसी बात की चिंता है।

    एक साथ बना सकता है कई न्यूक्लियर बम

    IAEA प्रमुख राफेल मेरियानो ग्रोसी ने पहले आशंका जाहिर कर दी थी कि ईरान के पास पर्याप्त मात्रा में हथियार-ग्रेड के स्तर के करीब संवर्धित यूरेनियम है। ईरान चाहे तो इसके उपयोग से एक साथ कई न्यूक्लियर बम बना सकता है।

    ईरान ने दुनिया को क्या दिया तर्क?

    • ईरान ने दुनिया को तर्क दिया है कि वह परमाणु कार्यक्रम को आगे जरूर बढ़ाना चाहता है, लेकिन उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उदृदेश्य के लिए है।
    • आस्ट्रिया में स्थित इंटरनेशनल परमाणु एनर्जी एजेंसी IAEA ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया कि इसी महीने यानी 8 फरवरी तक ईरान के पास 274.8 किलोग्राम यूरेनियम इकट्ठा हो चुका है।
    • नवंबर में आंकी गई मात्रा से यह 92.5 किलो अधिक है। IAEA ने नवंबर 2024 की रिपोर्ट में 182.3 किलोग्राम यूरेनियम और अगस्त 2024 में 164.7 किलोग्राम यूरेनियम का उत्पादन का अनुमान जताया था।

    IAEA ने अपनी ताजा रिपोर्ट में स्पष्ट किया है

    ईरान ने हाई क्वालिटी यूरेनियम के उत्पादन और उसको एकत्र करने में सफलता हासिल की है। यूरेनियम जखीरे में बढ़ोतरी गंभीर चिंता का विषय है। अभी ईरान परमाणु सामग्री का उत्पादन करने वाला एकमात्र गैर परमाणु हथियार संपन्न देश है। इसलिए यह चिंता और बढ़ जाती है कि वह परमाणु बम जल्द बना लेगा।

    ट्रंप ने पहले कार्यकाल में ही जता दिए थे खतरनाक इरादे

    ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में ही ईरान को अपने एग्रेसिव इरादे जता दिए थे। उनके कार्यकाल में अमेरिका ने जनवरी 2020 में ड्रोन हमला कर ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की कुद्स फोर्स का प्रमुख कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद दोनों देशों में दुश्मनी और बढ़ गई। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में ईरान के साथ हुए इंटरनेशनल परमाणु समझौते को तोड़ दिया था और यूएस को इससे अलग कर दिया था।

    इजरायल से कैसे बिगड़े ईरान के रिश्ते?

    • ईरान हमास, यमन के हूतियों व लेबनान के हिजबुल्लाह संगठन को सैन्य मदद करता है। ये संगठन ही इजरायल के दुश्मन है। इस कारण ईरान और इजरायल की सीधी दुश्मनी हो गई।
    • 1990 के बाद इजरायल और ईरान के संबंधों के बिगड़ने की खासतौर पर शुरुआत हुई। क्योंकि ईरान तभी से हिजबुल्लाह और हमास के साथ अपने संबंधों को अच्छे बनाने पर जोर देता रहा।
    • 2005 में महमूद अहमदीनेजाद ने राष्ट्रपति बनने के बाद इजरायल के खिलाफ लगातार बयानबाजी की, जिससे ईरान और इजरायल के रिश्तों में खटास आई।
    • इसके बाद ईरान ने इजरायल के खिलाफ 2006 की जंग में हिजबुल्लाह और 2008 में हमास का साथ दिया। इस घटना से दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ गई।
    • 7 अक्टूबर 2023 की तारीख बहुत अहम है। इस दिन हमास के आतंकियों ने इजरायल पर तीन ओर से हमला किया और वहां के नागरिकों को बंधक बनाकर ले गए। इसके बाद इजरायल ने पलटवार किया और गाजा में जंग शुरू हो गई। इसके बाद इजरायल और ईरान एकदूसरे के कट्टर दुश्मन बन गए।