Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मिडिल ईस्ट पर मंडराया नया खतरा, गाजा पर क्यों कब्जा करना चाहते हैं ट्रंप, ऐसा हुआ तो कहां जाएंगे लोग?

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पर एक ऐसा प्रस्ताव दे डाला है जिसकी पूरी दुनिया खासकर मिडिल ईस्ट में चर्चा है। वे गाजा पर कब्जा करके इसका पुनर्निर्माण करना चाहते हैं। उनके इस प्रस्ताव का मिडिल ईस्ट के लोगों ने विरोध किया है। विशेषज्ञों की नजर में ट्रंप की गाजा पर कब्जे के पीछे की रणनीति क्या है। ऐसा हुआ तो विस्थापित कहां जाएंगे यहां पढ़िए पूरी डिटेल।

    By Deepak Vyas Edited By: Deepak Vyas Updated: Wed, 05 Feb 2025 06:09 PM (IST)
    Hero Image
    गाजा पट्टी को लेकर ट्रंप के प्रस्ताव से मिडिल ईस्ट में हड़कंप है। फोटो: जागरण

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जबसे राष्ट्रपति बने हैं, वे लगातार ऐसे निर्णय ले रहे हैं, जिनसे दुनिया हैरान है। नागरिकता कानून में बदलाव से लेकर मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलने और चीन जैसे देशों पर टैरिफ लगाने के एलान तक, ट्रंप ने कई बड़े फैसले आते ही ले लिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इजरायल और हमास में तनातनी के बीच ट्रंप ने गाजा को लेकर भी ऐसा प्रस्ताव दिया है, जिससे मिडिल ईस्ट खासकर गाजा में हलचल मच गई है। ट्रंप की योजना है कि गाजा से फलस्तीनियों को निकालकर इस क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लेकर वहां का आर्थिक विकास किया जाए और नई बसाह​ट की जाए।

    18 लाख फलस्तीनियों पर मंडराया बड़ा खतरा

    • ट्रंप के इस फैसले से 18 लाख ​फलस्तीनियों पर गाजा से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा है। ट्रंप इस क्षेत्र को सैनिकों की मदद से अपने कब्जे में लेकर इसका विकास करना चाहते हैं। ट्रंप ऐसा करते हैं तो उनका यह कदम इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के प्रति अमेरिका की दशकों पुरानी नीति से एकदम विपरीत होगा।
    • टंप के गाजा को लेकर दिए गए इस प्रस्ताव को अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन भी माना जा रहा है। कई देशों ने तो यहां तक कह दिया है कि यह तो 'जातीय सफाया' वाला प्रस्ताव है।
    • डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री के बीच मंगलवार को व्हाइट हाउस में बातचीत के दौरान ट्रंप ने गाजा पर कब्जे की बात कही। इस बातचीत में ईरान और बंधकों के विषय पर भी चर्चा हुई। ट्रंप ने चर्चा के बाद कहा
    • 'अमेरिका गाजा पट्टी पर अपना कब्जा करेगा और हम इस पर काम करेंगे। हम इस पर अपना आधिपत्य जमाएंगे। यहां मौजूद सभी खतरनाक हथियारों और बमों को नेस्तनाबूद करने की जिम्मेदारी हमारी होगी।'
    • ट्रंप के इस बयान पर अरब देशों ने प्रति​क्रिया दी है। अरब देशों ने ट्रंप के इस प्रस्ताव को खतरनाक बताया। यह माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव के लागू होने से मिडिल ईस्ट में जारी अरब इजराइल विवाद और बढ़ जाएगा।

    ...तो फिर गाजा में रह रहे लोगों का क्या होगा?

    ट्रंप की गाजा पट्टी को कब्जे में लेने के बाद आर्थिक विकास करने की या कहें अपने मुताबिक नए सिरे से बसाने की योजना से गाजा पट्टी के ​फल​स्तीनियों में भय बढ़ जाएगा। इजरायल हमास में जंग से पहले यह जनसंख्या 2.3 मिलियन थी। उन्हें तटीय पट्टी से बाहर निकाल दिए जाने का खौफ है। अरब देशों में भी इस बात लेकर चिंता है कि विस्थापन के बाद गाजा के लोग कहां जाएंगे?

    गाजा के लोगों की चिंता के पीछे क्या है वजह?

    • गाजा के लोगों की सबसे बड़ी चिंता तो यही है कि विस्थापित किया तो जाएंगे कहां। एक तो 7 अक्टूबर से शुरू हुई इजरायल हमास की क्षेत्रीय जंग से वैसे ही शोचनीय हालातों में रहने को गाजा के लोग मजबूर हैं। इजरायल की लगातार धमकियों व चेतावनियों ने उन्हें गाजा पट्टी में ही एक जगह से दूसरी जगह भागमभाग करने पर मजबूर कर दिया।
    • उत्तरी गाजा खत्म करने की इजरायल की चेतावनी के बाद दक्षिणी गाजा की ओर बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन किया था। साथ ही रात दिन इजरायल हमलों से खौफ के साए में एक एक दिन गुजर रहा है। अब नई बला ट्रंप के गाजा पर कब्जे के प्रस्ताव की आई, जिसने गाजा के लोगों में भय पैदा कर दिया।

    1948 में गाजा से भागकर जॉर्डन, सीरिया, लेबनान में ली थी शरण

    • गाजा में रह रहे ​फल​स्तीनियों को कोई आज के समय ही परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। इसके पीछे लंबा इतिहास है। गाजा के फलस्तीनियों को 1948 में भी इजराइल के अस्तित्व में आने के दौरान जो जंग हुई थी, उसमें 7 लाख लोगों को अपने घरों से बेदखल कर दिया गया था।
    • गाजा में रहने वाले बड़ी संख्या में लोगों का गाजा पट्टी से बाहर निकाल दिया गया। ये लोग जैसे तैसे जॉर्डन, सीरिया, लेबनान जैसे पड़ोसी देशों की ओर जान बचाकर भागे और शरण ली। अहम बात तो यह है कि आज इतने दशकों बाद भी गाजा से गए ये शरणार्थी आज भी शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।

    क्या गाजा पर ट्रंप की कारोबारी सोच का पड़ेगा असर?

    • डोनाल्ड ट्रंप की सोच कारोबारी प्रवृत्ति की रही है। वे खुद एक बड़े कारोबारी और बड़े ​रियल एस्टेट डीलर हैं। हर चीज को 'पैसे' के एंगल से देखते हैं। फिर चाहे वो चीन जैसे देशों पर टैरिफ लगाने की बात हो, या फिर कनाडा या अलास्का पर कब्जे की बात हो।
    • जानकारों की मानें तो ट्रंप ने गाजा पर कब्जा करके उसके विकास की बात कहकर एक नई बहस को जन्म दे दिया। चूंकि ट्रंप रियल एस्टेट के एक अनुभवी 'खिलाड़ी' हैं, इसलिए उन्होंने गाजा में नई बसाहट का शिगूफा छोड़ा। खुद मिडिल ईस्ट मामलों के राजदूत स्टीव विटकॉफ ने कहा कि 'ट्रंप अच्छी तरह समझते हैं कि ​जमीन का उपयोग कैसे किया जाता है। गाजा में उन्हें इसके लिए अवसर दिखे।

    'मोनाको से भी बेहतर हो सकता है गाजा'

    इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जेरैड कुशनेर जो खुद एक ​रिय एस्टेट कारोबारी हैं, उन्होंने भी कहा था कि गाजा पट्टी का समुद्री किनारा बहुत अहमियत रखता है और कीमती है। इसे सही तरीके से डेवलप किया जाए तो यह मोनाको से भी उत्तम हो सकता है।

    गाजा पर बाइडन की नीतियों का क्या होगा?

    बाइडन के शासनकाल में अमेरिका ने पड़ोसी देशों और खुद इजरायलल से कहा कि वे गाजा में मानवीय सहायता भेजें। इजरायल और हमास में जंग के बीच बाइडेन के समय अमेरिका और कतर जैसे देशों ने मध्यस्थता की कोशिशें कीं। अब ट्रंप ने आने के बाद ही गाजा पर अपने नए प्रस्ताव से हड़कंप मचा दिया है। वे गाजा पर कब्जा करके 18 से 20 लाख लोगों को गाजा को छोड़ने के ​लिए मजबूर करना चाहते हैं।

    गाजा को लेकर क्या कहना है ट्रंप का?

    ट्रंप का कहना है कि फलस्तीनियों को वापस गाजा नहीं जाना चाहिए। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि वर्तमान परिस्थितियों में गाजा की जमीन रहने लायक नहीं है। वे चाहते हैं कि ​फलस्तीनी किसी दूसरे स्थान पर जाकर बसें। ट्रंप ​फलस्तीनियों को अन्यत्र विस्थापित करने के बाद इस क्षेत्र का विकास करना चाहते हैं। उनका मानना है कि यह इलाका 'रिवेरा ऑफ द मिडिल ईस्ट' में बदल जाएगा, जो रहने लायक हो जाएगा।