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    जानें आखिर उत्तर कोरिया की वजह से क्यों मचा है फ्रांस में हड़कंप

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Fri, 30 Nov 2018 08:19 PM (IST)

    फ्रांस के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बेनॉ क्वेनेडी को उत्तर कोरिया के लिए जासूसी करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। इसको लेकर न सिर्फ फ्रांस बल्कि दूसरे देश भी सकते में हैं।

    जानें आखिर उत्तर कोरिया की वजह से क्यों मचा है फ्रांस में हड़कंप

    नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन हर बार सुर्खियों में रहते आए हैं। भले ही अमेरिका से रिश्‍तों को लेकर बात हो या फिर चीन से संबंधों को लेकर जिक्र हर तरफ से यह देश सुर्खियों में है। लेकिन इस बार जिस खबर को लेकर यह सुर्खियों में आया है उसने फ्रांस की नींद उड़ा दी है। दरअसल, फ्रांस के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बेनॉ क्वेनेडी को उत्तर कोरिया के लिए जासूसी करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। इसको लेकर न सिर्फ फ्रांस बल्कि दूसरे देश भी सकते में हैं। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि कुछ दिन पहले ही यह बात सामने आई थी कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु प्रोग्राम को अब भी जारी रखे हुए है। इसको लेकर अमेरिकी उपग्रह से कुछ इमेज भी आई थीं।

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    ताजा मामले में जिस अधिकारी को हिरासत में लिया गया है वह फ्रांस की संसद के ऊपरी सदन से संबंधित है। इसके अलावा बेनॉ फ्रैंको-कोरियन फ्रेंडशिप असोसिएशन के भी अध्यक्ष हैं। हिरासत लेने के साथ ही उनके देश से बाहर जाने या सेनेट में काम करने पर रोक लगा दी गई है। क्वेनेडी को फिलहाल फ्रांस की घरेलू खुफिया एजेंसी डीजीएसआई के मुख्यालय में रखा गया है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि उन्‍होंने कई बार उत्तर कोरिया की यात्रा की है। इस बात की जानकारी एक वेबसाइट से मिली है। किम से प्रभावित बेनॉ के एक वीडियो में वह कोरिया को 'विकास का मॉडल' बताते दिखाई दे रहे हैं।

    क्वेनेडी 2007 से फ्रैंको-कोरियन फ्रेंडशिप असोसिएशन के अध्यक्ष हैं। इसका गठन 1960 में उन पत्रकारों ने किया था जो सामाजिक और वामपंथी ध्येय के प्रति सहानुभूति रखते थे। यह संगठन प्योंगयांग के साथ करीबी संबंध और विभाजित कोरिया के एकीकरण की बात करता है।

    आपको यहां पर ये भी बता दें कि उत्तर कोरिया के एक पूर्व जासूस ने जनवरी में कुछ ऐसी ही चेतावनी दी थी। दरअसल उस वक्‍त किम ह्योन ने कहा था किम जोंग उन का मौजूदा चेहरा केवल दिखावे का है। उसके इरादे पहले की ही तरह खतरनाक हैं। किम ह्योन हुई को सात साल तक कोरिया में ट्रेनिंग दी गई थी और वे सीक्रेट जासूस के तौर पर काम करते थे।