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    QUAD Summit 2024: टोकियो में क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, बढ़ सकती है चीन की मुश्किल

    Updated: Sun, 28 Jul 2024 11:36 PM (IST)

    जापान में चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) मंत्रियों की बैठक से इतर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। इस दौरान भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर बल दिया गया। इसके साथ ही क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। अमेरिका ने भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने की इच्छा जाहिर की।

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    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। (X पोस्ट)

    पीटीआई, टोक्यो। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। दोनों नेताओं ने टोक्यो में क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर मुलाकात की।

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    ब्लिंकन से मुलाकात के बाद जयशंकर ने किया पोस्ट

    जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘टोक्यो में आज विदेश मंत्री ब्लिंकन से मुलाकात कर बहुत अच्छा लगा। हमारा द्विपक्षीय एजेंडा लगातार आगे बढ़ रहा है। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। ‘क्वाड’ विदेश मंत्रियों की कल होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।’’

    विदेश मंत्री और अमेरिकी विदेश मंत्री के बीच यह वार्ता ऐसे समय में हुई है, जब वाशिंगटन, न्यूयॉर्क में सिख चरमपंथी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित नाकाम साजिश से संबंधित मामले में नई दिल्ली से लगातार जवाबदेही की मांग कर रहा है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा और हत्या की साजिश पर जयशंकर-ब्लिंकन के बीच बातचीत हुई है या नहीं।

    तीसरी बार सरकार गठन के बाद पहली मुलाकात

    बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ सहायक सचिव (दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामले) डोनाल्ड लू और अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर भी थे। जयशंकर के साथ जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज भी रहे। केंद्र में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार के गठन और मोदी सरकार-3 में विदेश मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद विदेश मंत्री और ब्लिंकन के बीच यह पहली बैठक है।

    वहीं, 'एक्स' पर अपने पोस्ट में ब्लिंकन ने लिखा कि उन्होंने जयशंकर से अमेरिका-भारत सहयोग को गहरा करने और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए मुलाकात की। इससे यह पता चलता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में समग्र स्थिति पर बातचीत हुई है।

    पीएम मोदी के मास्को दौरा से नाराज था अमेरिका

    अमेरिका और उसके कई सहयोगी मोदी की 8 से 9 जुलाई की मास्को यात्रा के दौरान नाराज थे, क्योंकि यह वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन के साथ मेल खाता था। कुछ पश्चिमी राजधानियों को भी मोदी द्वारा अपने तीसरे कार्यकाल में अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए रूस को चुनने पर नाराजगी थी। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई में कहा कि अमेरिका मोदी की रूस यात्रा के 'प्रतीकात्मकता' और 'समय' से निराश हैं।

    बाइडन प्रशासन के अधिकारी ने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएम मोदी ने मॉस्को की यात्रा उस समय की जब वाशिंगटन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था। हालांकि, नई दिल्ली ने गुरुवार को लू की टिप्पणियों को खारिज कर दिया और कहा कि दुनिया में सभी देशों को 'पसंद की स्वतंत्रता' है और सभी को ऐसी वास्तविकताओं के प्रति सचेत रहना चाहिए।

    क्या है क्वॉड?

    क्वॉड भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का एक मजबूत संगठन है। चारों देशों ने नवंबर 2017 में मिलकर ‘क्वाड’ की स्थापना की थी, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नयी रणनीति विकसित की जा सके। चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है, जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस समुद्री क्षेत्र पर दावे करते हैं। ऐसे में क्वॉड हमेशा से चीन के लिए बड़ी चिंता का कारण रहा है। क्वॉड में भारत के बढ़ते दबदबे से चीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।