Video: जापान में माउंट फूजी ज्वालामुखी फटा तो क्या होगा? AI ने दिखाया आपदा का ट्रेलर
जापान सरकार ने AI की मदद से एक वीडियो जारी किया है जिसमें माउंट फ़ूजी में विस्फोट होने पर टोक्यो पर होने वाले प्रभावों को दर्शाया गया है। वीडियो में राख की बारिश बिजली गुल होने और स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में बताया गया है। लोगों को घरों में रहने मास्क पहनने और तीन दिन का राशन जमा करने की सलाह दी गई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जापान की सरकार ने एक ऐसा वीडियो जारी किया है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि अगर माउंट फूजी में विस्फोट जाए तो क्या होगा।
वीडियो में एक गंभीर आवाज गूंजती है, "यह पल बिना किसी चेतावनी के आ सकता है।" यह वीडियो टोक्यो मेट्रोपॉलिटन सरकार ने लोगों को जागरूक करने और सावधानी बरतने की जरूरत बताने के लिए बनाया है। लेकिन, राहत की बात यह है कि माउंट फूजी के फटने का फिलहाल कोई खतरा नहीं है।
यह वीडियो एक एक्सप्लेनर की तरह है, जो आसान और साफ तरीके से समझाता है कि ज्वालामुखी फटने से टोक्यो और आसपास के इलाकों पर क्या असर पड़ेगा।
यह वीडियो लोगों को तैयार रहने और जरूरी कदम उठाने की सलाह देता है। आइए, इस वीडियो के जरिए जानते हैं कि माउंट फूजी का फटना कितना खतरनाक हो सकता है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।
🌋 Tokyo releases AI-generated video of Mount Fuji erupting..
— Global𝕏 (@GlobaltrekX) August 26, 2025
It is all part of an artificial intelligence-generated video the Tokyo Metropolitan Government released last week to raise awareness of what could happen to the capital if Mount Fuji erupted. 🌋 pic.twitter.com/PFKKT2Rcu4
टोक्यो शहर में होगी राख की बारिश
वीडियो के मुताबिक, अगर माउंट फूजी फटता है, तो महज 1-2 घंटों में टोक्यो शहर में ज्वालामुखी की राख बरसना शुरू हो जाएगी। शहर में 2-10 सेंटीमीटर राख जमा हो सकती है, जबकि पश्चिमी टोक्यो में यह 30 सेंटीमीटर तक पहुंच सकती है। इतनी राख से जिंदगी ठप हो सकती है।
ट्रेन की पटरियां और हवाई अड्डों के रनवे राख से ढक जाएंगे, जिससे ट्रेनें और हवाई जहाज रुक जाएंगे। गाड़ियां चलाना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि राख से सड़कें फिसलन भरी हो जाएंगी और दिखाई देना बंद हो जाएगा।
राख की वजह से बिजली की तारें भी प्रभावित होंगी, जिससे बड़े पैमाने पर बिजली गुल हो सकती है। फोन और इंटरनेट की सेवाएं भी ठप हो सकती हैं। यानी, एक झटके में शहर की रफ्तार रुक सकती है। लोगों को अपने घरों में रहने और बाहर निकलने से बचने की सलाह दी जाएगी।
सेहत पर क्या होगी असर?
ज्वालामुखी की राख से सेहत को भी बड़ा नुकसान हो सकता है। यह राख सांस की तकलीफ पैदा कर सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से अस्थमा या दूसरी बीमारियों से जूझ रहे हैं। आंखों और गले में जलन की शिकायत भी आम हो सकती है। इसलिए, मास्क पहनना और घर के अंदर रहना बेहद जरूरी होगा।
दुकानों में खाने-पीने की चीजें और जरूरी सामान जल्दी खत्म हो सकता है। सरकार ने सलाह दी है कि अगर कभी ऐसा होता है तो लोग कम से कम तीन दिन का राशन और जरूरी सामान अपने घर में रखें। यह सुनिश्चित करना होगा कि मुश्किल वक्त में परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें।
वीडियो में बताया गया है कि अगर राख 30 सेंटीमीटर से ज्यादा जमा हो, खासकर लकड़ी के बने मकानों के आसपास, तो लोगों को इलाका खाली करने की सलाह दी जा सकती है। ज्यादा राख से मकान ढहने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन, निकासी तभी जरूरी होगी, जब हालात वाकई गंभीर हों।
सरकार का मकसद लोगों को डराना नहीं, बल्कि उन्हें तैयार करना है। वीडियो में साफ कहा गया है कि पहले से योजना बनाकर और सावधानी बरतकर नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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