2 घंटे से ज्यादा फोन चलाना मना है, जापान के इस शहर में नए नियम पर कैसा है लोगों का रिएक्शन?
Japan Samartphone use Limit: जापान के आइची शहर की मेयर ने लोगों के लिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल को दिन में केवल 2 घंटे तक सीमित कर दिया है। यह नियम 1 अक्टूबर से लागू हुआ है। बच्चों के लिए भी विशिष्ट समय सीमाएं तय की गई हैं। हालांकि, इस फैसले पर शहर में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं।

जापान में स्मार्टफोन चलाने पर लगी 2 घंटे की लिमिट। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोबाइल फोन का इस्तेमाल ज्यादातर लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका है। पढ़ाई से लेकर टाइम पास तक, हर चीज का ख्याल आते ही सबसे पहले हाथ स्मार्टफोन पर ही जाता है। मगर, कैसा हो जब आपको दिन भर में सिर्फ 2 घंटे की फोन इस्तेमाल करने की अनुमति मिले?
ऐसा ही कुछ हुआ है जापान के एक शहर में। शहर की मेयर ने फोन के इस्तेमाल पर लिमिट लगा दी है। अब लोगों को 2 घंटे से अधिक फोन इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है।
यह दिशानिर्देश 1 अक्टूबर को सामने आए थे, जिसके बाद न सिर्फ जापान बल्कि पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। हर कोई जानना चाहता है कि फोन इस्तेमाल करने की लिमिट लागू होने के बाद लोगों की दिनचर्या कैसी गुजर रही है?
मेयर ने जारी किया आदेश
यह मामला सेंट्रल जापान में स्थित आइची शहर का है। इस शहर की आबादी 68,000 के लगभग है। यहां की मेयर ने 1 अक्टूबर को गाइडलाइंस जारी करते हुए लोगों को 2 घंटे से अधिक मोबाइल फोन या टैबलेट इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। टोयोएक महानगरपालिका ने ईमेल भेजते हुए कहा-
अपनी सेहत और सोने के घंटों का खास ख्याल रखें। आप जितने भी घंटे फोन या अन्य उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, उसकी बजाए अपने परिवार के साथ समय बिताएं।
वहीं, एक दूसरे ईमेल में शिक्षकों और स्थानीय सरकार से कहा गया, "यह अध्यादेश जारी करने का मुख्य उद्देश्य है कि लोग अपनी नींद पूरी कर सकें।"
क्यों लागू हुआ यह नियम?
जापानी मीडिया को दिए इंटरव्यू में मेयर मासाफुमी कोकी ने कहा, "लोग स्क्रीन को देखते हुए घंटों बिता देते हैं। दिन से रात कब होती है, पता ही नहीं चलता है। लोगों की नींद पूरी नहीं होती और इसका उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।" कोकी खुद फोन का बहुत अधिक इस्तेमाल करने लगी थीं, जिसके चलते उन्होंने घंटों को कम करने का फैसला किया है।
6-12 वर्ष के बच्चों को रात 9 बजे के बाद फोन और टैबलेट इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। वहीं, 12 साल से अधिक उम्र वालों के लिए यह समयसीमा रात 10 बजे की निर्धारित की गई है। अगस्त के आखिर में इसकी घोषणा की गई थी और 1 अक्टूबर से यह अध्यादेश लागू कर दिया गया है।
लोगों ने दिया मिलाजुला रिएक्शन
मेयर कोकी के इस फैसले से कुछ लोग खुश हैं, तो कई लोग उनकी आलोचना भी कर रहे हैं। एक स्थानीय नेता का कहना है, "एक शब्द में कहूं तो, यह आपका काम नहीं है।" एक दूसरे नेता का कहना है, "कई समर्थकों के अनुसार यह अच्छा फैसला है, लेकिन यह अध्यादेश पूरी तरह से बकवास है।"
हालांकि, कई लोग मेयर के फैसले का समर्थन कर रहे हैं। स्थानीय नागरिक शोकी मोरियामा के अनुसार, "अब मैं बचे हुए समय में किताबें पढ़ता हूं और जिम भी जाने लगा हूं।" विश्वविद्यालय के छात्र अकारी सैतो का कहना है, "कॉलेज जाते समय ट्रेन में फोन का इस्तेमाल न कर पाना काफी मुश्किल होता है। लेकिन, जब से मैंने फोन का इस्तेमाल कम किया है, मुझे दिन बड़ा लगने लगा है और काफी अच्छा गुजरता है।"
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