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    चीन को टक्कर देने के लिए जापान ने रक्षा बजट में की बढ़ोतरी, करीब 20 फीसदी का किया इजाफा

    By Amit SinghEdited By: Amit Singh
    Updated: Tue, 28 Feb 2023 08:43 PM (IST)

    अगले पांच सालों में जापान अपने सैन्य खर्च को दोगुना करने जा रहा है। जापान इस तरह की क्षमता का निर्माण चीन उत्तर कोरिया और रूस के खतरे के मद्देनजर कर रहा है। नया खर्च नाटो के मानकों के अनुरूप है।

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    जापान ने रक्षा बजट में की 20 फीसदी की बढ़ोतरी (फाइल फोटो)

    टोक्यो, एपी: जापान में संसद के निचले सदन ने मंगलवार को आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए बजट को मंजूरी दे दी। बजट में अपनी सेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए रक्षा पर खर्च करने के लिए 6.8 ट्रिलियन येन (50 बिलियन डॉलर) का प्रावधान किया गया है। यह पहला मौका है जब जापान ने इतना अधिक धन रक्षा पर लगाने का प्रावधान किया है। चीन का इस क्षेत्र में बढ़ता प्रभाव इसका सबसे बड़ा कारण है।

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    1600 किलोमीटर दूर तक वार की तैयारी

    मौजूदा वर्ष का रक्षा बजट पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत अधिक है। इसमें से 211.3 बिलियन येन (1.15 बिलियन डालर) राशि अमेरिका में निर्मित लंबी दूरी की टोमाहॉक मिलाइल तैनात करने के लिए रखे गए हैं। इस मिसाइल को युद्धपोतों से दागा जा सकता है और यह 1600 किलोमीटर की दूरी तक वार कर सकती है।

    हो रही है आलोचना

    टोमाहॉक की कीमत को लेकर विपक्ष प्रधानमंत्री फ्यूमो किशिदा की आलोचना कर रहा है। उनका कहना है कि जापान की कम होती आबादी जैसे मुद्दों को छोड़कर प्रधानमंत्री हथियारों की खरीद को प्राथमिकता दे रहे हैं। जापान की कॉन्स्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी के कानूनविद चिनामी निशिमूरा कहते हैं कि चाइल्ड केयर को बेहतर करने की तरफ पिछले 10 सालों से अधिक समय से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

    ‘लोगों के जीवन के लिए दोनों जरूरी’

    इसके जबाव में प्रधानमंत्री किशिदा का कहना है कि मैं नहीं मानता कि यह दो में से एक को चुनने जैसी स्थिति है। दोनों की चीजें लोगों के जीवन और जीवनयापन के लिए जरूरी हैं। किशिदा ने सोमवार को संसद के सत्र के दौरान कहा था कि जापान टोमाहॉक की 400 यूनिट्स खरीदेगा।

    राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का हिस्सा

    यह भारी रक्षा बजट दिसंबर में घोषित की गई जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के तहत आने वाले पांच सालों में सेना पर खर्च किए जाने वाले 43 ट्रिलियन येन (315 बिलियन डॉलर) की पहली किश्त है। नई सुरक्षा नीति के तहत दुश्मन के हमले का जवाबी हमला कर सकने की क्षमता विकसित करना भी शामिल है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद केवल सुरक्षात्मक क्षमताएं रखने के जापान के वादे के ये ठीक विपरीत है।

    सैन्य खर्च होगा दोगुना

    अगले पांच सालों में जापान अपने सैन्य खर्च को दोगुना करने जा रहा है। जापान इस तरह की क्षमता का निर्माण चीन, उत्तर कोरिया और रूस के खतरे के मद्देनजर कर रहा है। नया खर्च नाटो के मानकों के अनुरूप है। इससे जापान का वार्षिक रक्षा बजट 10 ट्रिलियन येन (73 बिलियन डॉलर) तक पहुंच जाएगा। ऐसे जापान अमेरिका और चीन के बाद रक्षा पर खर्च करने वालों में तीसरे स्थान पर आ जाएगा।

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