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    छटपटाता रहा पाकिस्तान, लेकिन इस मुस्लिम देश को मिल गई BRICS में एंट्री; चीन का प्लान भी फेल

    ब्रिक्स में आखिरकार दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया को एंट्री मिल गई है। ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। इजिप्ट इथियोपिया ईरान सऊदी अरब और यूएई के बाद अब इंडोनेशिया को ब्रिक्स में मिली एंट्री के बाद पाकिस्तान को मिर्ची लगनी तय है। पाकिस्तान लंबे वक्त से ब्रिक्स में शामिल होने की जुगत लगा रहा है।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Tue, 07 Jan 2025 09:16 AM (IST)
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    2009 में स्थापित हुए ब्रिक्स का कुनबा लगातार बढ़ रहा है (फोटो: एपी)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2009 में शुरू हुए ब्रिक्स का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। अब इसमें दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया का एंट्री मिल गई है। सोमवार को ब्राजील ने इसका एलान किया।

    लेकिन इंडोनिशया की एंट्री से अब पाकिस्तानी की बेचैनी बढ़ गई है। पाकिस्तान खुद लंबे समय से ब्रिक्स में शामिल होने के लिए छटपटा रहा है। इसके लिए वह कई बार चीन के दरवाजे पर कटोरा लेकर खड़ा भी हो चुका है।

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    इंडोनेशिया बना 11वां देश

    ब्रिक्स में हिस्सा लेने वाला ब्राजीव 11वां देश बन गया है। इसके पहले ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनाया गया था। इंडोनेशिया के ब्रिक्स में शामिल होने के प्रस्ताव को 2023 में जोहान्सबर्ग में हुए सम्मेलन के दौरान मंजूरी दी गई थी।

    इंडोनेशिया को मिली एंट्री

    (फोटो: एफपी)

    ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'ब्राजील सरकार ब्रिक्स में इंडोनेशिया की एंट्री का स्वागत करती है। दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और आबादी वाले देश के रूप में इंडोनेशिया अन्य ब्रिक्स सदस्यों के साथ वैश्विक संस्थानों में सुधार का समर्थन करता है।'

    ब्राजील कर रहा अध्यक्षता

    • ब्रिक्स की अध्यक्षता इस साल ब्राजील कर रहा है। इस साल जुलाई महीने में ब्रिक्स का सम्मेलन होना है। यह समिट ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में होगा। इस बार ब्रिक्स का थीम ग्लोबल साउथ है। इसमें सदस्य देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए पेमेंट गेटवे के विकास का लक्ष्य रखा गया है।
    • नवंबर में जब रूस में ब्रिक्स का शिखर सम्मेलन हुआ था, तब गैर डॉलर लेन-देने को बढ़ावा देने और लोकल करेंसी को मजबूत करने पर चर्चा की गई थी। लेकिन अमेरिका इस पर भड़क गया था। डोनाल्ड ट्रंप ने सदस्य देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।

    कैसे हुई ब्रिक्स की शुरुआत?

    ब्रिक्स की स्थापना 2009 में ब्राजील, चीन, रूस और भारत ने मिलकर की थी। इसका पहला समिट रूस के येकातेरिनबर्ग में हुआ था। 2010 में न्यूयॉर्क में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की एक मीटिंग में साउथ अफ्रीका को भी शामिल करने पर सहमति बन गई।

    2011 में साउथ अफ्रीका ने सान्या में हुए ब्रिक्स समिट में हिस्सा लिया। 2024 में इजिप्ट, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई को इसमें शामिल कर लिया गया। ब्रिक्स की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। चीन की मदद से पाकिस्तान भी इसमें शामिल होना चाहता है, लेकिन उसकी दाल नहीं गल पा रही है।

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