'चीन-अमेरिका संबंध दुनिया के लिए महत्वपूर्ण', शी चिनफिंग ने बाइडन से क्यों कहा ऐसा?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को भेजे एक संदेश में कहा है कि चीन और अमेरिका के संबंध दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका के साथ काम करने को तैयार है। चिनफिंग ने पूर्व अमेरिका राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन पर संवेदना व्यक्त की।
रॉयटर्स, बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को कहा कि चीन और अमेरिका का रिश्ता दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए चिनफिंग ने दो बाइडन को भेजे एक संदेश में यह बात कही।
रॉयटर्स के अनुसार चिनफिंग ने कहा कि कार्टर 40 साल से भी अधिक समय पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के पीछे प्रेरक शक्ति थे। गौरतलब है कि जिमी कार्टर का रविवार को 100 वर्ष की आयु में जॉर्जिया के प्लेन्स में उनके घर पर निधन हो गया।
70 के दशक में रखी गई थी संबंधों की नींव
उनके 1977-1981 के कार्यकाल के दौरान, अमेरिकी सरकार ने चीन के साथ औपचारिक संबंध स्थापित किए, जो 1970 के दशक की शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर द्वारा रखी गई नींव पर आधारित थे। रॉयटर्स ने राज्य समाचार एजेंसी सिन्हुआ के हवाले से बताया कि शी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को भेजे संदेश में कार्टर के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की।
सिन्हुआ के अनुसार शी ने कहा, 'पूर्व राष्ट्रपति कार्टर चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के पीछे प्रेरक शक्ति थे और उन्होंने चीन-अमेरिका संबंधों और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान और सहयोग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।' चिनफिंग ने आगे कहा कि चीन-अमेरिका संबंध दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से हैं।
अमेरिका के साथ काम करने को तैयार: चिनफिंग
उन्होंने आगे कहा कि चीन अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका के साथ काम करने को तैयार है। 1979 में बीजिंग की एक चीन नीति और ताइवान को चीन का हिस्सा मानने के कार्टर प्रशासन के फैसले के चलते दोनों देशों के संबंधों में एक नया मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिली। कार्टर ने तब ताइवान के साथ औपचारिक संबंधों को तोड़ने का भी फैसला किया था।
इधर, संयुक्त राज्य अमेरिका में चीनी राजदूत ज़ी फेंग ने एक्स पर लिखा, 'चीन-अमेरिका संबंधों के सामान्यीकरण और विकास में उनके ऐतिहासिक योगदान को चीनी लोग हमेशा याद रखेंगे।' उसी वर्ष, 1979 में, अमेरिकी सरकार ने अपनी एक-चीन नीति का पालन करते हुए, ताइवान संबंध अधिनियम भी पारित किया, जो द्वीप को खुद की रक्षा करने के साधन प्रदान करने के लिए एक कानूनी आधार स्थापित करता है।
ताइवान के मुद्दे पर टकराव
बताते चलें कि बीजिंग ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और उसने इस द्वीप को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग करने से कभी इनकार नहीं किया है। ताइवान संबंध अधिनियम द्वारा ताइवान को दी गई अमेरिकी हथियारों की बिक्री आज भी चीन-अमेरिका संबंधों में टकराव का विषय बनी हुई है। चीन नियमित रूप से वाशिंगटन से अपने एक-चीन सिद्धांत का पालन करने का आग्रह करता है और अमेरिकी सैन्य आपूर्तिकर्ताओं और कॉर्पोरेट अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाता है।
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