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    मालदीव जा रहे 'जासूसी जहाज' को लेकर चीन ने क्या कहा? आठ जनवरी को माले बंदरगाह पहुंचेगा अनुसंधान पोत

    मालदीव ने 23 जनवरी को चीन के जियांग यांग हांग-03 पोत को माले बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति प्रदान की थी। मालदीव का कहना था कि उसके जलक्षेत्र में मौजूदगी के दौरान यह पोत कोई अनुसंधान नहीं करेगा। चीन के पोत को माले बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति मालदीव के हाल में निर्वाचित चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने प्रदान की है।

    By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 07 Feb 2024 01:13 AM (IST)
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    जियांग यांग हांग-03 पोत के कामकाज को लेकर चीन ने जानकारी दी है।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

    पीटीआई, बीजिंग। हिंद महासागर और मालदीव में अपने अनुसंधान पोतों के बढ़ते दौरों का बचाव करते हुए चीन ने मंगलवार को कहा कि इनका मकसद शांतिपूर्ण है और महासागर के बारे में मानवता की वैज्ञानिक समझ में योगदान देना है।

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    पोत कोई अनुसंधान नहीं करेगा: मालदीव

    मालदीव ने 23 जनवरी को चीन के जियांग यांग हांग-03 पोत को माले बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति प्रदान की थी। यह पोत अनुसंधान एवं सर्वेक्षण करने वाले उपकरणों से लैस है। मालदीव का कहना था कि उसके जलक्षेत्र में मौजूदगी के दौरान यह पोत कोई अनुसंधान नहीं करेगा। चीन के पोत को माले बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति मालदीव के हाल में निर्वाचित चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने प्रदान की है।

    आठ जनवरी को माले बंदरगाह पर लंगर डाल सकता है पोत

    भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान का कहना है कि वह चीनी पोत के मूवमेंट पर करीब से नजर रख रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस संबंध में मंगलवार को कहा कि उनके देश के पोत की गतिविधियां यूएन कंवेंशन ऑन द ला ऑफ द सी (यूएनसीएलओएस) के अनुसार हैं।

    जहाजों के मूवमेंट पर नजर रखने वाली एक निजी वेबसाइट मेरीन ट्रैफिक के मुताबिक, चीन का आठ वर्ष पुराना यह पोत आठ जनवरी को माले बंदरगाह पर लंगर डाल सकता है।

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