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    सामने बैठे थे पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और राजनाथ सिंह सुनाते चले गए... चीन में 'आतंकिस्तान' को सुनाई खरी-खरी

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 10:28 AM (IST)

    चीन के किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में, राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वालों को परिणाम भुगतने होंगे। राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया।  

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    एएनआई, किंगदाओ। चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में पहुंचे राजनाथ सिंह ने आज पाकिस्तान को खूब खरी खोटी सुनाई। रक्षा मंत्री ने इशारों-इशारों में आतंकिस्तान को उसका असली चेहरा दिखाया।
    चीन की धरती पर रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को आतंक प्रयोजित देश बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वालों को परिणाम भुगतने ही होंगे।

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    पाक को इशारों-इशारों में खूब सुनाया

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ सम्मेलन में भाषण देते हुए पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन देशों की कड़ी निंदा की जो सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। राजनाथ सिंह की यह टिप्पणी पहलगाम में अप्रैल में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर आई है।

    कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीतिगत उपकरण के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

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    राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री

    पहलगाम हमले पर पाक को किया बेनकाब

    रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले पर भी बात की। इस आतंकी हमले में एक नेपाली नागरिक सहित 26 नागरिक मारे गए थे। रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने इसकी जिम्मेदारी ली है और इससे साफ है कि पाक आतंक को पनाह देता है।

    रक्षा मंत्री जब बोल रहे थे तो सामने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ वहां बैठे थे। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि भारत ने इसी के बाद अपने "रक्षा के अधिकार" का प्रयोग करते हुए 7 मई को सफलतापूर्वक ऑपरेशन सिंदूर चलाया। जिसके तहत सीमा पार आतंकवादी ढांचे को नष्ट किया गया।