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    पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने में चीन करेगा समर्थन: राष्ट्रपति शी जिनपिंग

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Wed, 02 Nov 2022 06:41 PM (IST)

    चीन पाकिस्तान को उसके वित्तीय स्थिति को स्थिर करने के लिए उसके साथ खड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की दो दिवसीय बीजिंग यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हवाले से कहा गया कि चीन पाकिस्तान समर्थन करना जारी रखेगा।

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    चीन और पाकिस्तान हमेशा मजबूत सहयोगी रहे हैं-

    बीजिंग, रायटर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपनी पहली दो दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं। जहां उन्होंने बुधवार को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। इस दौरान राज्य मीडिया ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हवाले से बताया कि चीन पाकिस्तान का समर्थन करना जारी रखेगा क्योंकि वह अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने की कोशिश में लगा हुआ है। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने अपनी दोस्ती और 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को मजबूत करने पर सहमति जताई है।

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    आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान

    पाकिस्तान इन दिनों बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इससे उबरने के लिए तमाम तरह की कोशिश कर रहा है। इस गर्मी में देश में विनाशकारी बाढ़ आने से पहले ही पाकिस्तान भुगतान संतुलन संकट से परेशान है। पाकिस्तान के 27 अरब डॉलर के द्विपक्षीय कर्ज का बड़ा हिस्सा, करीब 23 अरब डॉलर, चीनी कर्ज के कारण बना हुआ है। चीन और पाकिस्तान हमेशा मजबूत सहयोगी रहे हैं, शरीफ के अपनी यात्रा के दौरान सुरक्षा संबंधी मुद्दों को भी उठाने की संभावना है।

    चीन की पाकिस्तान को सहायता

    चीन के केंद्रीय बैंक और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने हाल ही में दोनों देशों में उद्यमों और वित्तीय संस्थानों द्वारा सीमा पार लेनदेन के लिए सामने आया। आरएमबी के उपयोग की सुविधा को लेकर पाकिस्तान में एक आरएमबी समाशोधन व्यवस्था की स्थापना के लिए सहयोग के एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बात की जानकरी बुधवार को पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने दी।

    ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल की बैठक

    राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से कहा कि चीन और पाकिस्तान को अपने आर्थिक गलियारे के निर्माण के साथ और अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ना चाहिए, साथ ही ग्वादर सी पोर्ट के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान में प्रमुख खनन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में शामिल रहा है, जिसमें गहरे पानी के ग्वादर बंदरगाह, 65 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के सभी हिस्से शामिल हैं।

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