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सुदूरवर्ती द्वीपों की चीन से रक्षा के लिए जापान ने किया सैन्य अभ्यास, तिलमिलाई चिनफिंग सरकार

पूर्वी चीन सागर में चीन की आक्रामकता लगातार बढ़ रही है। इसे लेकर जापान सतर्क हो गया है। यही कारण है कि जापानी बलों ने दूर-दराज के द्वीपों पर चीन को कब्जा जमाने से रोकने के लिए सैन्य अभ्यास किया है। इस पर चीन तिलमिला गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 11:35 PM (IST)
सुदूरवर्ती द्वीपों की चीन से रक्षा के लिए जापान ने किया सैन्य अभ्यास, तिलमिलाई चिनफिंग सरकार
जापानी बलों ने दूर-दराज के द्वीपों पर चीन को कब्जा जमाने से रोकने के लिए सैन्य अभ्यास किया है।

टोक्यो, एएनआइ। दूर-दराज के द्वीपों पर चीन को कब्जा जमाने से रोकने के लिए जापानी बलों (Japan's Self-Defense Forces) ने सैन्य अभ्यास किया है। जापान ने यह अभ्यास शिजुओका में पूर्वी फुजी प्रशिक्षण इलाके में किया है। पूर्वी चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता को लेकर जापान लगातार सतर्क है। जापान प्रशासित सेनकाकू द्वीप (Senkaku Islands) पर भी चीन अपना दावा कर रहा है। नानसेई आइलैंड की रक्षा के लिए भी जापान अपनी क्षमता बढ़ा रहा है।

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जापान टाइम्स की खबरों के अनुसार, दो घंटे चले अभ्यास में जापान के 3,100 सैनिकों, 45 टैंक और बख्तरबंद वाहनों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा लड़ाकू हेलीकाप्टरों ने भी इसमें भाग लिया। कोरोना वायरस के मद्देनजर लोगों को इसे देखने से रोक दिया गया। इसके चलते इस युद्धाभ्यास का यूट्यूब पर सीधा प्रसारण किया गया। यह युद्धाभ्यास आमतौर पर अगस्त के आखिर में होता है, लेकिन टोक्यो ओलंपिक को देखते हुए इस साल इसका आयोजन पहले किया गया।

इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय ने जापान के रक्षा प्रमुख नोबुओ किशी के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने ताइवान के निकट नानसेइ द्वीप को चिंता का विषय बताया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन अपनी जमीन की हिफाजत करेगा। जापान को उस सीमा तक नहीं जाना चाहिए और गलत सूचना फैलाना बंद कर देना चाहिए।

उल्‍लेखनीय है कि बीते दिनों चीन ने जापान के कब्जे वाले सेनकाकू द्वीप (Senkaku Islands) का भूदृश्य सर्वे जारी किया था। चीन इसको अपना दिआओयू द्वीप बताता है। लैंडस्केप सर्वे जारी का मकसद इस पर दावा जताना था। चीन की आक्रामकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चीन के प्राकृतिक संसाधन विभाग ने सेनकाकू के साथ ही दो अन्य द्वीपों का सर्वे भी किया था। इस द्वीप पर जापान का कब्जा होते हुए भी चीन अपना अधिकार जता रहा है। 


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