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    China Protest: सरकार हुई सख्त तो डेटिंग एप व टेलीग्राम पर हो रहे विरोध प्रदर्शन

    चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया और जगह जगह पुलिस तैनात कर दी। इसके मद्देनजर प्रदर्शनकारियों ने डेटिंग एप व टेलीग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया को विरोध प्रदर्शनों का मंच बना लिया है।

    By Jagran NewsEdited By: Monika MinalUpdated: Tue, 29 Nov 2022 06:02 PM (IST)
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    अब चीन में डेटिंग एप व टेलीग्राम पर हो रहे विरोध प्रदर्शन

    बीजिंग, रायटर। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के कार्यकाल में कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ अभूतपूर्व प्रदर्शनों से घबराई सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। इस क्रम में विश्वविद्यालयों के छात्रों को घर भेज दिया गया। प्रदर्शन में शामिल लोगों की तलाश तेज कर दी गई है, वहीं राजधानी बीजिंग, शंघाई समेत प्रमुख शहरों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने सरकार की सख्ती को धता बताते हुए डेटिंग  एप व टेलीग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया को विरोध प्रदर्शनों का मंच बना लिया है।

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    बीजिंग के चप्पे-चप्पे पर तैनात है पुलिस 

    बीजिंग के चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है। सप्ताहांत के प्रदर्शनों में शामिल रहे दो लोगों ने बताया कि बीजिंग पुलिस ने उन्हें रविवार की गतिविधियों के ब्योरे के साथ तलब किया है। एक छात्र ने बताया कि प्रदर्शन वाले इलाके में मौजूद छात्रों से  स्पष्टीकरण मांगा गया है। पूरे मामले के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ' हम तेजी से अपने चैट हिस्ट्री को डिलीट कर रहे हैं। शहर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। '

    करीब 3 सालों से लागू है जीरो कोविड पॉलिसी, परेशान हैं लोग 

    लोगों को इस बात से गुस्सा है कि लगभग तीन वर्षों से जीरो कोविड पालिसी के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और संक्रमण थम भी नहीं रहा है। बीजिंग की पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने सिर्फ इतना कहा कि अधिकार व स्वतंत्रता का इस्तेमाल निश्चित रूप से कानून के दायरे में करना चाहिए।

    प्रदर्शन के बाद  घर भेजे गए छात्र 

    एपी के अनुसार, दक्षिणी प्रांत ग्वांगडोंग स्थित सिंघुआ यूनिवर्सिटी ने रविवार के प्रदर्शन के बाद छात्रों को घर भेज दिया। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। कुछ विश्वविद्यालयों ने छात्रों को स्टेशन तक छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि कक्षाएं व परीक्षाएं आनलाइन होंगी। दरअसल, विश्वविद्यालयों के छात्रावास 1980 के आसपास चीन में राजनीतिक सुधार के केंद्र रहे हैं। वर्ष 1989 में बीजिंग के थ्येनआनमन चौक आंदोलन का नेतृत्व भी छात्रों ने ही किया था।

    यूनिवर्सिटी आफ शिकागो में चीनी राजनीति के विशेषज्ञ डाली यांग के अनुसार, 'छात्रों को घर भेजकर सरकार स्थित को काबू में लाना चाहती है।' इंटरनेट मीडिया यूजर का कहना है कि लोग प्रदर्शनों से जुड़े वीडियो व अन्य सामग्री को विदेशी मीडिया प्लेटफार्म पर साझा कर रहे हैं, ताकि चीनी अधिकारी उन्हें डिलीट न कर सकें। अमेरिका के गैर लाभकारी संगठन फ्रीडम हाउस द्वारा संचालित चाइना डिसेंट मानिटर के प्रमुख केविन स्लैटेन के अनुसार, 'लोग एक-दूसरे को देखते हुए आगे बढ़ रहे हैं।'

    चिनफिंग गद्दी छोड़े के नारे

    उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते उरुमकी में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। लोगों ने आरोप लगाया था कि इस अग्निकांड में घिरे लोगों की कोविड प्रतिबंधों के कारण जान चली गई। इसके बाद पूरे चीन में लोगों का गुस्सा भड़क उठा। लोगों ने सड़कों पर उतरकर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी व राष्ट्रपति चिनफिंग गद्दी छोड़े के नारे लगाए। आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती बरती और मामले की कवरेज कर रहे बीबीसी के एक पत्रकार को पीटा व हिरासत में ले लिया।