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    पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता में चीन, बिलावल भुट्टो से चीनी विदेश मंत्री ने की बातचीत

    चीन के विदेश मंत्री ने बिलावल भुट्टो को फोन कर चीनी नागरिकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की बात कही। 21 जनवरी से शुरू होने जा रहे चीनी नववर्ष को देखते हुए चीन को आशंका है कि उनके नागरिकों पर हमले बढ़ सकते हैं

    By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 10 Jan 2023 06:04 PM (IST)
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    पाकिस्तान में काम कर रहे अपने नागरिकों को लेकर चीन ने जताई चिंता।

    बीजिंग, एजेंसी। चीन पाकिस्तान में काम कर रहे अपने नागरिकों की सुरक्षा का लेकर चिंतित है। चीन के नए विदेश मंत्री क्विन गैंग ने पाकिस्तान में अपने समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को फोन पर ऐसी चिंता जाहिर की। उन्होंने भुट्टो से मांग की कि उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। क्विन ने हाल ही में वांग यी के स्थान पर चीन के विदेश मंत्री के तौर पर पद संभाला है। चीनी विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार उन्होंने 9 जनवरी को भुट्टो से बात की।

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    कड़े इंतजाम किए जाएं

    अब तक चले आए दोनों देशों के अच्छे संबंधों और भविष्य में उनके और बेहतर होने की संभावना पर चर्चा के अतिरिक्त क्विन ने इस बात पर जोर दिया कि चीनी नववर्ष आने ही वाला है। इसको देखते हुए वे पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर खासे चिंतित है। उन्होंने उम्मीद जताई की पाकिस्तान उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम जारी रखेगा।

    सुरक्षा में नहीं छोड़ेंगे कोई कसर

    बिलावल ने क्विन को यह विश्वास दिलाया कि पाकिस्तान उनके देश में चीनी नागरिकों, संस्थानों और जारी प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर के चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) प्रोजेक्ट पर काम करने वाले सैकड़ो चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चीन हालिया सालों में ज्यादा चिंतित रहने लगा है।

    भेजी गई है सैन्य टुकड़ी

    सीपीईसी पाकिस्तान के बलुचिस्तान स्थित ग्वादर पोर्ट को चीन के शिंजियांग प्रांत से जोड़ेगा। पाकिस्तान अधिग्रहित पाकिस्तान से गुजरने के कारण भारत सीपीईसी का विरोध कर चुका है। चीन को आशंका है कि 21 जनवरी से शुरू होने वाले चीनी नव वर्ष और स्प्रिंग फेस्टिवल के दौरान उसके नागरिकों पर हमले हो सकते हैं। पाकिस्तान ने चीनी कामगारों की सुरक्षा के लिए सैन्य टुकड़ी भेजी है।

    पिछले साल अप्रैल में कराची यूनिवर्सिटी में बलोच लिबरेशन आर्मी(बीएलए) द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में तीन चीनी शिक्षक मारे गए थे। बीएलए चीन द्वारा बलुचिस्तान में किए गए निवेशों का विरोध करती आई है। उसका आरोप है कि पाकिस्तान का ये अभिन्न मित्र प्रांत के संसाधनों का दोहन कर रहा है।

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