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चीन में भ्रूण के जीन में बदलाव कर शिशुओं का कराया था जन्म, शोधकर्ताओं को जेल

चीन में पिछले साल नवंबर में भ्रूण के जीन में बदलाव कर शिशुओं के जन्म का दावा किया गया था। इस तरीके से पैदा होने वाले ये पहले बच्चे बताए गए थे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 08:58 AM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 10:10 AM (IST)
चीन में भ्रूण के जीन में बदलाव कर शिशुओं का कराया था जन्म, शोधकर्ताओं को जेल

बीजिंग, एजेंसी। चीन में डिजायनर बेबी के जन्म में शामिल तीन शोधकर्ताओं को चिकित्सा के क्षेत्र में अवैध तरीके से परीक्षण करने पर जेल की सजा सुनाई गई है। चीन में पिछले साल नवंबर में भ्रूण के जीन में बदलाव कर शिशुओं के जन्म का दावा किया गया था। इस तरीके से पैदा होने वाले ये पहले बच्चे बताए गए थे। इसकी चीन समेत दुनियाभर में खूब आलोचना हुई थी और इसे नैतिकता के खिलाफ बताया गया था।

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शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, इस विवादित परीक्षण के प्रमुख शोधकर्ता ही जियानकुई को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है। उन पर 30 लाख युआन (करीब तीन करोड़ रुपये) का जुर्माना भी लगाया गया है। इस शोध से जुड़े दो अन्य शोधकर्ताओं को कम सजा मिली है।

झांग रेनली को दो साल और किन जिनझोउ को 18 महीने के कारावास की सजा सुनाई गई है। इन दोनों पर क्रमश: दस लाख युआन (करीब एक करोड़ रुपये) और पांच लाख युआन (करीब 50 लाख रुपये) का जुर्माना लगा है। कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, तीनों शोधकर्ता जीन परिवर्तित जुड़वां बहनों समेत तीन शिशुओं के जन्म मेंे शामिल थे। इन शोधकर्ताओं ने प्रसिद्धि और फायदे के लिए ना सिर्फ चीनी नियमों बल्कि वैज्ञानिक और चिकित्सा शोध की नैतिकता का भी उल्लंघन किया।

जियानकुइ ने अमेरिका में अध्ययन करने के बाद हांगकांग से सटे चीन के शेंझेन शहर में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलाजी में अपनी लैब बनाई थी।

अपनाई गई थी यह तकनीक

जियानकुई ने जीन में बदलाव करने की तकनीक क्रिस्पर-केस9 का उपयोग किया था। उन्होंने दावा किया था कि जीन एडिटिंग तकनीक से शिशुओं को एचआइवी संक्रमण से बचाने में मदद मिल सकती है।


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